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भागलपुर हिंसाः अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत को मिली जमानत

पिछले महीने एक जुलूस के दौरान भागलपुर में हिंसा भड़क गई थी, इस मामले में अरिजीत को आरोपी बनाया गया था और वह जेल में थे

FP Staff

17 मार्च को बिहार के भागलपुर में हुए सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत को सोमवार को जमानत मिल गई. जमानत पर सुनवाई पूरी करते हुए चतुर्थ अपर सत्र न्यायधीश व प्रभारी जिला जज कुमुद रंजन सिंह ने शाश्वत को जमानत दी. शाश्वत समेत बीजेपी के आठ अन्य नेताओं को भी जमानत मिल गई है.

सांप्रदायिक हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए शाश्वत कई दिनों तक पुलिस से बचते रहे. फिर एक अप्रैल को नाटकीय अंदाज में सरेंडर कर दिया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. इससे पहले शाश्वत ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में अर्जी भी दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया था.

17 मार्च को भारतीय नववर्ष जागरण समीति की तरफ से अरिजीत शाश्वत के नेतृत्व में भागलपुर शहर में एक जुलूस निकाला गया था. 15 किलोमीटर लंबे रास्ते में यह जुलूस तकरीबन आधा दर्जन मुस्लिम बहुल इलाकों से होकर गुजरा. नाथनगर थाना क्षेत्र के मेदिनी चौक पर नारेबाजी को लेकर दोनों समुदायों के बीच झड़प हो गई. इसके बाद यहां जमकर पथराव और आगजनी हुई.

यह मोटरसाइकिल जुलूस जब इस इलाके से होकर गुजर रहा था तब उसपर पत्थरबाजी होने लगी. जुलूस में शामिल कुछ कार्यकर्ताओं ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे यह हिंसा भड़की थी.

अरिजीत शाश्वत, जिन्होंने भागलपुर से बीजेपी के टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली थी.

इस मामले में शाश्वत के पिता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने बेटे को क्लीन चिट दे दिया था. उन्होंने कहा था कि हिंदू नव वर्ष के अवसर पर जुलूस निकालना क्या गलत है? क्या भारत माता की जय कहना गुनाह है? क्या वंदे मातरम कहना गुनाह है?