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बजट टालने की याचिका पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

याचिकाकर्ता ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले बजट पेश किए जाने पर आपत्ति जताई है.

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय बजट 2017-18 को मार्च के बाद पेश करने की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले बजट पेश किए जाने पर आपत्ति जताई है.

याचिकाकर्ता के मुताबिक, चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है. इस वजह से इस समय बजट पेश करना आचार संहिता का उल्लंघन होगा. शर्मा ने कोर्ट से अपील की थी कि इस याचिका पर तुरंत सुनवाई की जाए.

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति एन.वी.रमण और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि वे सामान्य नियमों के तहत ही इस मुद्दे पर फैसला सुनाएंगे. इस पर तुरंत सुनवाई की जरूरत नहीं है.

बजट पेश करने से आचार संहिता का उल्लंघन ?

केंद्रीय बजट को 1 फरवरी को पेश किया जाना है. दूसरी ओर चुनाव आयोग भी 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर चुका है. इस वजह से आचार संहिता लागू हो गई है.

विपक्ष द्वारा ऐसी आशंका जताई जा रही है कि बजट के जरिए कुछ राहतों की घोषणा करके केंद्र की बीजेपी सरकार इन राज्यों के मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है.

चुनाव आयोग के पास भी बजट को रोकने संबंधी आवेदन दिए जा चुके हैं. चुनाव आयोग ने अभी इस बारे कोई फैसला नहीं लिया है.