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प्रदूषण नियंत्रण अभियान के तहत बीते 15 दिनों में 10,000 गाड़ियों के चलान कटे

परिवहन विभाग की स्पेशल कमीश्नर, के के दहीया ने कहा कि यह इतिहास का सबसे बड़ा प्रदूषण नियंत्रण अभियान है

FP Staff

अगर आपके पास अपनी गाड़ी है और आपने पीयूसीसी यानी पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट का प्रमाणपत्र नहीं बनवाया है तो अगली बार दिल्ली की सड़कों पर चलते हुए परिवहन विभाग की नजरों से नहीं बच पाएंगे. प्रदूषण नियंत्रण अभियान के तहत, परिवहन विभाग ने बीते 15 दिनों में 10,000 गाड़ियों पर कार्रवाई करते हुए चलान काटे हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर अनुसार  बीते 5 अक्टूबर से परिवहन विभाग की प्रवर्तन विंग प्रदूषण फैलाने वाली वाहनों को नियंत्रित करने के लिए निरंतर अभियान चला रही है. बीते सोमवार तक, मान्य पीयूसीसी नहीं होने पर परिवाहन विभाग ने 4,432 वाहन चालकों का चलान काटा. वहीं प्रदूषण फैलाने वाली 6,355 अन्य वाहनों के भी चलान कटे.


यानी बीते 22 अक्टूबर तक कुल 10,787 वाहनों के खिलाफ चलान कट चुकी हैं. प्रदूषण नियंत्रण अभियान से इतर, विभाग ने इस महीने 15 साल पुराने 148 वाहनों को भी सीज किया है.

इतिहास का सबसे बड़ा प्रदूषण नियंत्रण अभियान

परिवहन विभाग की स्पेशल कमीश्नर, के के दहीया ने कहा कि यह इतिहास का सबसे बड़ा प्रदूषण नियंत्रण अभियान है. अभी तक इतने कम समय में 10,000 वाहनों के चलान नहीं कटे थे. यह कार्रवाई तब तक चलती रहेगी, जब तक हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार ना हो. इसके लिए हमने 60 टीमों को तैनात किया है.

इस अभियान को हम और तेज करेंगे. परिवहन विभाग की प्रवर्तन विंग ने इसके लिए नए लोगों को शामिल कर रही है.

5-6 अधिकारियों की एक टीम होगी जो ओवरलोडेड ट्रक, स्पष्ट रूप से प्रदूषण फैलाने वाली वाहनें और बिना मान्य पीयूसीसी सर्टिफिकेट वाली वाहनों को प्रमुख प्रवेश बिंदुओं और धमनी सड़कों पर चेक करने का काम करेगी. हमारा पूरा ध्यान इस अभियान को सफल बनाने में है. हर साल ठंड के मौसम में ग्रेडेड रिस्पॉंस एक्शन प्लान के लागू हो जाने क बाद हम इस अभियान की शुरुआत करते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को ज्यादा से ज्यादा नियंत्रित करना है.

परिवहन विभाग ने कहा है कि अपनी डेटाबेस की जानकारियों को देखते हुए वह पीयूसीसी की सर्टिफिकेट समय पर नहीं बनवाने वाले लोगों के घर भी 1000 रुपए का चलान भेजना शुरू करेंगे.