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पतंजलि ने अपने ऐड में काले रंग को बताया 'चर्म रोग'

इस ऐड के अनुसार पतंजलि यह 'ब्यूटी क्रीम' ड्राई स्कीन, रिंकल्स और काले रंग जैसी त्वचा-संबंधी बीमारियों को ठीक करती है

FP Staff

हमारे देश में यह कोई दबी-छिपी बात नहीं है कि लोग गोरे रंग के  पीछे दीवाने हैं. हमारे देश में त्वचा के रंग को गोरा करने के दावे वाले तरह-तरह के क्रीम, साबुन, फेसवॉश आदि धड़ल्ले से बिकते हैं. आज हम 2018 में भी काले रंग की त्वचा वाले लोगों को नीची निगाह से देखते हैं. यहां तक कि बालीवुड के सितारे भी इन प्रोडक्ट्स का प्रचार करते टीवी पर दिखते हैं और गानों में भी गोरे रंग को महिमामंडित किया जाता है, जैसे- 'चिट्टियां कलाईयां वे'.

अब बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ने अपने 'ब्यूटी क्रीम' को बेचने के लिए दिए गए विज्ञापन में काले रंग को एक त्वचा संबंधी बीमारी बता दिया है. यह विज्ञापन 17 दिसंबर को डेक्कन क्रॉनिकल अखबार में छपा था. इस ऐड के अनुसार पतंजलि यह 'ब्यूटी क्रीम' ड्राई स्कीन, रिंकल्स और काले रंग जैसी त्वचा-संबंधी बीमारियों को ठीक करती है. इस ऐड में काले रंग को भी त्वचा संबंधी रोगों की कैटेगरी में डाल दिया गया है. यह प्रोडक्ट इन रोगों को शत-प्रतिशत ठीक करने का  और प्राकृतिक सुंदरता देने का दावा भी करता है.


डेक्कन क्रॉनिकल में छपा पतंजलि का ऐड (तस्वीर साभारः न्यूज18)

इस ऐड में कहा गया है कि यह प्रोडक्ट गेहूं के बीज के तेल, हल्दी, एलोवेरा और तुलसी जैसे प्राकृतिक चीजों से बना है जो ड्राई स्कीन, रिंकल्स और काले रंग जैसे त्वचा संबंधी रोगों को ठीक करने में काफी फायदेमंद है. इस ऐड में यह भी कहा गया है कि एमएनसी के प्रोडक्ट्स कैमिकल्स से बने हैं जबकि पतंजलि का यह प्रोडक्ट पूरी तरह प्राकृतिक है.

इस तरह के ऐड के बाद ट्वीटर पर पतंजलि को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले पिछले साल पतंजलि के दिव्य आमला जूस और शिवलिंगी बीज को हरिद्वार के आयुर्वेद और यूनानी ऑफिस ने एक आरटीआई के जवाब में कम गुणवत्ता का बताया था. जिसके बाद सीएसडी ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी थी.