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सोहराबुद्दीन मामला: CBI के दो और गवाह मुकरे, कहा-नहीं दिया था कोई बयान

सके साथ ही सीबीआई का समर्थन नहीं करने वाले गवाहों की संख्या बढ़कर 52 हो गई

Bhasha

सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में फरियादी पक्ष के दो और गवाह अपने बयान से मुकर गए. इसके साथ ही सीबीआई का समर्थन नहीं करने वाले गवाहों की संख्या बढ़कर 52 हो गई. कोर्ट अब तक इस मामले में 76 गवाहों को आजमा चुका है.


विशेष सीबीआई जज एस जे शर्मा के सामने गवाही दे रहे रफीक हाफिज और फिरोज खान ने कहा कि उन्होंने सीबीआई को कोई बयान नहीं दिया था. जांच एजेंसी ने उनका बयान लेने का दावा किया था. दोनों ने कहा कि वे सिर्फ एकबार एजेंसी के दफ्तर गए थे और सीबीआई ने उनका नाम और पता लिया था. पब्लिक प्रोसक्यूटर बीपी राजू ने इसके बाद दोनों को मुकरा गवाह घोषित कर दिया.

इससे पहले मंजुषा आप्टे और सलीम खान नाम के दो गवाहों से विशेष जज एसजे शर्मा की अदालत में सीबीआई ने सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ के सिलसिले में पूछताछ की. इन दोनों की 2005 और 2006 में कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई थी.

सीबीआई के मुताबिक आप्टे और उनके रिश्तेदार उसी बस से हैदरबाद से सांगली जा रहे थे जिसमें शेख और उसकी पत्नी कौसर भी यात्रा कर रही थीं. उसके बाद नवंबर 2005 में पुलिस के एक दल ने कथित रूप से उन्हें उठा लिया था. आप्टे ने अदालत के सामने माना कि वह उस बस में यात्रा कर रही थीं लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं देखा क्योंकि वह सो रही थीं. इसके बाद सरकारी अभियजोक बीपी राजू ने उन्हें मुकरा हुआ गवाह घोषित कर दिया.