view all

ऐसा भी हो सकता है- दो भिखारियों को मिली सरकारी नौकरी

इवांका ट्रंप के दौरे के दौरान चौराहों से उठाए गए भिखारियों में से दो युवा सरकारी नौकरी पाने में कामयाब रहे हैं

FP Staff

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप का हैदराबाद आना किसी को याद रहे ना रहे, लेकिन हैदराबाद के भिखारियों को जरूर याद रहेगा. क्योंकि उनका ये दौरा इनकी जिंदगी में खुशियों के रंग भरने वाला रहा है. भीख मांगते पकड़े गए भिखारियों में से कुछ अब खुद के पैरों पर खड़े होना सीख गए हैं.

तेलंगाना के जेल विभाग, ट्रैफिक पुलिस और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की ओर से शुरू की गई भिखारी मुक्त हैदराबाद मुहिम पूरी तरह कामयाब हो पाई है. इसमें अभी संदेह है, लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम जरूर देखने को मिले हैं. चौराहों से उठाए गए भिखारियों में से दो युवा सरकारी नौकरी पाने में कामयाब रहे हैं. चंचलगुड़ा स्थित आनंद आश्रम में लाए गए भिखारी उदयकुमार अब जेल विभाग के आयुर्वेद विलेज में रिसेप्शनिस्ट और राजकुमार अब मसाजर बन गए हैं. जिनको विभाग ने बाकायदा 12-12 हजार रुपए मासिक ऑफर दिए हैं.


चौराहों, सड़कों और धार्मिक स्थलों से पकड़े गए भिखारियों को शारीरिक स्वच्छता, योग, कौशल विकास की खास ट्रेनिंग दे रहा है. साथ ही उनको शिक्षित करने पर भी खास फोकस दे रहा है. ताकि वो एक सामान्य जीवन जी सकें. इसी का नजीता है कि उदयकुमार और राजकुमार आज किसी की तोहमत पर नहीं बल्कि अपनी मेहनत से इज्जत का जीना सीख गए हैं.

भिखारी मुक्त हैदराबाद अभियान के तहत अब तक 580 से ज्यादा भिखारी पकडे़ गए हैं. जिनमें अधिकांश को काउंसलिंग के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया. और जो बचे हैं उनको प्रशिक्षित किया जा रहा है. जेल विभाग ने 25 दिसंबर तक हैदराबाद को भिखारी मुक्त बनाने का दावा किया है. अगर इसके बाद कोई व्यक्ति किसी भी इलाके में भिखारी होने की जानकारी देगा उसे 500 बतौर इनाम दिए जाएंगे. इस अभियान के चलते चौराहों और सड़कों पर भिखारी दिखने बंद हो गए हैं, लेकिन मंदिर और मस्जिदों के बाहर इनके दीदार अभी भी हो रहे हैं.

(मुकेश सैनी की रिपोर्ट/तस्वीर प्रतीकात्मक है)