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पत्थलगड़ी समर्थक और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक की मौत

पुलिस का कहना है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने बीजेपी सांसद 'कारिया मुंडा' की सुरक्षा में बतौर सिक्योरिटी गार्ड तैनात तीन पुलिसकर्मियों का अपहरण कर लिया है

FP Staff

पत्थलगड़ी समर्थक और झारखंड पुलिस के जवानों के बीच बीते बुधवार को हुई झड़प में एक ग्रामीण की मौत हो गई है. वहीं 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. दोनों पक्षों के बीच यह मुठभेड़ मंगलवार दोपहर से ही शुरू हो गई थी जब पुलिसकर्मियों ने घाघरा गांव को घेर लिया था.

पुलिस का कहना है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने बीजेपी सांसद 'कारिया मुंडा' की सुरक्षा में बतौर सिक्योरिटी गार्ड तैनात तीन पुलिसकर्मियों का अपहरण कर लिया है. अगवा हुए इन लोगों को ढ़ूंढ़ने के क्रम में पुलिस को घाघरा गांव में इनके होने की सूचना मिली. जब पुलिसकर्मियों की तलाश में पुलिस वहां पहुंची तो पत्थलगड़ी समर्थकों ने उन्हें अंदर प्रवेश करने से रोक दिया.


कार्रवाई के दौरान हुई एक ग्रामीण की मौत

सीनियर अफसरों के बार बार अनुरोध करने के बावजूद जब समर्थकों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया तो झारखंड पुलिस पूरी रात बाहर वहीं खड़ी रही.

अगली सुबह भी जब उनके सारे प्रयास विफल हुए तो पुलिस ने अगवा हुए लोगों की रिहाई को लेकर लाठीचार्ज किया.आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इस दौरान एक ग्रामीण की मौत हो गई. इसके इतर सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया .

वहीं पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़े नेता यूसुफ पूर्ति को गिरफ़्तार करने के लिए जब पुलिस उनके घर पहुंची तो उनकी सुरक्षा में तैनात पत्थलगड़ी समर्थकों ने उन पर तीर-धनुष से हमला कर दिया. यूसुफ भाग निकला था. इसके बावजूद पुलिस ने बल प्रयोग करने के बाद  यूसुफ पूर्ति के घर की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की.बता दें की पुलिस द्वारा खूंटी जिले के कोचांग गांव में पिछले दिनों हुई गैंगरेप की विभत्स घटना के आरोपियों में से दो के हिरासत की घोषणा करने के तीन दिन बाद ही सिक्योरिटी गार्ड को अगवा कर लिया गया.

तुम जानते हो कौन है सरकार? ग्राम सभा ही है इकलौती सरकार

इंडियन एक्सप्रेस की खबर अनुसार बीजेपी सांसद कारिया मुंडा के रिश्तेदार जो अपहरण की घटना के चश्मदीद भी हैं ने बताया कि वो पत्थलगड़ी समर्थकों का एक समूह उन तीन पुलिसकर्मियों का पीछा कर रहा था. पीछा करते-करते वो हमारे घर के बहुत नजदीक आ गए थे कि तभी पुलिसवालों ने उन्हें पीछा न करने के साथ साथ ही वापस घाघरा जाने को कहा. लेकिन वो नहीं माने. इतना ही था कि पुलिसवालों ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया. जिसके बाद वो बिखर गए.

कुछ देर ही हुए थे कि वो हमारे घर के भीतर घुस आएं और जोर जोर से चिल्लाने लगे. उन्होंने हर तरफ उन तीन पुलिसकर्मियों को ढ़ूंढ़ा और जब वो मिल गए तो उन्हें अगवा कर साथ ले गए. हम कहते रह गएं कि यह कोई फोर्स के जवान नहीं हैं, हमारे सिक्योरिटी गार्ड हैं पर उन्होंने हमारी एक ना सुनी. यहां तक कि उन्होंने अपने हथियार भी निकाल लिए.

मैंने उनसे कहा कि यह लोग सरकार के हैं तो जवाब में उन्होंने ही मुझसे पूछा, तुम जानते हो कौन है सरकार? ग्राम सभा ही है इकलौती सरकार.

इस पूरे प्रकरण की खबर जब पुलिस को लगी तो उन्होंने एक दिन तक लगातार शांतिपूर्वक गार्डों को छोड़ देने का अनुरोध पत्थलगड़ी समर्थकों और गांववालों से करते रहे. लेकिन जब सारे प्रयास कर के वह थक गई तो हिंसा का रुख करना पड़ा.

दक्षिण छोटानागपुर के पुलिस इंस्पेक्टर जेनरल नवीन कुमार सिंह घाघरा गांव में ही मौजूद थे. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि कार्रवाई करने में लंबा समय लग रहा है लेकिन हम नहीं चाहते कि किसी को कोई भी क्षति पहुंचे. हमने बहुत सावधानी बरती है. यहां तक कि कम से कम फोर्स लेकर यहां पहुंचे हैं. हमें यह खबर थी कि जवानों को इसी गांव में छुपाया गया है इसलिए हम हर घर की तलाशी ले रहे हैं. आशा है कि पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा वो जल्द से जल्द रीलिज कर दिए जाएंगे.

बहकावे में आए ग्रामीणों ने तीर-धनुष, तलवार एवं पत्थर से हमला किया 

जिस एक शख्स की मुठभेड़ में जान चली गई, उसकी पहचान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस बल पर पत्थलगड़ी समर्थकों एवं उनके बहकावे में आए ग्रामीणों ने तीर-धनुष, तलवार एवं पत्थर से हमला किया जिससे निपटने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर लाठीचार्ज किया. इस दौरान हुई भगदड़ में एक युवक की मौत हो गयी जबकि अनेक ग्रामीण एवं पुलिसकर्मी घायल हो गए.

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और अपर पुलिस महानिदेशक आर के मलिक ने बताया कि अभी भी कार्रवाई जारी है और क्षेत्र में पत्थलगड़ी की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे लोगों पर नकेल कसी जाएगी तथा कानून का राज कायम किया जाएगा.