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महात्मा गांधी की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पड़पोते तुषार गांधी

अदालत ने जानना चाहा कि तुषार किस हैसियत से इस याचिका का विरोध कर रहे हैं

Bhasha

महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने महात्मा की हत्या के मामले को फिर से खोलने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया है. इसके खिलाफ वो  सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.

तुषार की ओर से कोर्ट में पेश हुई वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि अगर अदालत इस मामले पर आगे बढ़ती है और नोटिस जारी करती है तो वह स्थिति के बारे में समझा सकेंगी.


जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एमएम शांतानागौदर की पीठ ने यह जानना चाहा कि तुषार किस हैसियत से इस याचिका का विरोध कर रहे हैं. पीठ ने कहा कि इस मामले में कई सारे किंतु-परंतु हैं और अदालत न्यायमित्र अमरेंद्र शरण की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहेगी.

अमरेंद्र शरण ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगते हुए कहा था कि उन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार (नेशनल आर्काइव्स) से दस्तावेज अभी नहीं मिले हैं.

जयसिंह ने कहा कि वह महात्मा गांधी की हत्या के 70 साल पुराने मामले को फिर से खोले जाने का विरोध कर रही हैं. साथ ङी याचिकाकर्ता के याचिका दायर करने के अधिकार पर भी सवाल उठा रही हैं.

याचिकाकर्ता मुंबई के रहने वाले पंकज फड़नीस हैं. वह अभिनव भारत के न्यासी और शोधकर्ता हैं. इस मामले को पीठ ने चार हफ्ते बाद के लिए लिस्टेड किया है

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सहयोग के लिए बीते 6 अक्टूबर को वरिष्ठ वकील शरण को न्यायमित्र नियुक्त किया था.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में हिंदू राष्ट्रवाद के दक्षिणपंथी समर्थक नाथूराम विनायक गोडसे ने बेहद करीब से गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में दोषी करार दिए गए गोडसे और नारायण आप्टे को 15 नवंबर, 1949 को फांसी दी गई थी.