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त्रिपुरा गर्वनर ने की पटाखों के शोर की अजान से तुलना

त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने पटाखों से होने वाले शोर की तुलना अजान से की है

FP Staff

त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने पटाखों से होने वाले शोर की तुलना अजान से की है. रॉय ने ट्वीट कर कहा कि हर दिवाली पटाखों के शोर से होने वाले ध्वनी प्रदूषण को लेकर विवाद शुरू हो जाता है. पटाखे साल में कुछ ही दिन फोड़े जाते हैं. लेकिन सुबह 4.30 बजे अजान के शोर की बात कोई भी नहीं करता.

बीजेपी नेता ने कहा, कुरान और हदीस में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का कोई जिक्र नहीं है. अजान के दौरान लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सेक्यूलर लोगों की चुप्पी हैरान करने वाली है. उन्होंने आगे कहा कि एक हिंदू होने के नाते पटाखे फोड़ने पर बैन लगने से बुरा लग रहा है. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता को लेकर आप चिंतित हैं या नहीं, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली की स्थिति से अवगत हूं. लेकिन दिवाली साल में सिर्फ एक बार ही आती है.

ऐसा पहली बार नहीं है जब रॉय ने किसी धर्म से संबंधित विवादित बयान दिया हो. इससे पहले उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर भी विवादित बयान दिया था. उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों को 'कचरा' कह कर विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, कोई इस्लामिक देश रोहिंग्याओं को अपनाने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन भारत जरूर महान धर्मशाला है और अगर आप इनकार करते हैं, तो इसे अमानवीय व्यवहार माना जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक बरकरार रखी है. 19 अक्‍टूबर को दिवाली से पहले यहां पटाखों की बिक्री नहीं हो पाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बैन 1 नवंबर 2017 तक बरकरार रहेगा. हम एक बार ये देखना चाहते हैं कि दिवाली पर क्या हालात होंगे. इसके अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी महाराष्ट्र के रिहायशी इलाकों में पटाखे बेचने पर रोक लगा दी है. साथ ही प्रशासन को आदेश दिया है कि वो प्रतिबंधित इलाकों में पटाखे बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे. हाईकोर्ट का यह आदेश पटाखा चलाने के खिलाफ नहीं है, बल्कि सिर्फ रिहायशी इलाकों में बिक्री पर रोक के लिए है.