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उग्रवाद मुक्त हुआ त्रिपुरा, साक्षरता में भी अव्वल

94 फीसदी साक्षरता दर वाले केरल को पछाड़ते हुए त्रिपुरा ने 97 फीसदी साक्षरता के साथ अव्वल स्थान प्राप्त किया है

IANS

साल के अतं में त्रिपुरा के लिए खुशी की बात है. त्रिपुरा उग्रवाद मुक्त हो गया है. 2016 में त्रिपुरा में एक भी उग्रवाद की घटना नहीं हुई है. जबकि पिछले 6 दशक से उग्रवाद राज्य की अहम समस्या थी. लेकिन त्रिपुरा सरकार ने इस पर पूरी तरह काबू पा लिया है.

इसके साथ ही साक्षरता के मामले में भी राज्य विजयी घोषित हुआ है. त्रिपुरा ने केरल को भी पछाड़ दिया है. 94 फीसदी साक्षरता दर वाले केरल को पछाड़ते हुए त्रिपुरा ने 97 फीसदी साक्षरता के साथ अव्वल स्थान प्राप्त किया है.


कैसे हुआ उग्रवाद मुक्त त्रिपुरा? 

साल 1960 के मध्य से त्रिपुरा उग्रवाद से प्रभावित रहा है. लेकिन सरकार के उग्रवाद विरोधी उपायों के साथ सरकार धीरे-धीरे आतंकवाद को मात देने में सफल रही.

राज्य के शाति की ओर बढ़ने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री मणिक सरकार ने कहा ‘हमने सशस्त्र बल राज्य से हटा लिया है लेकिन हम संतुष्ट नहीं हुए हैं. हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा सतर्क रहते हैं.’

बीजेपी के 2 लाख सदस्य हैं त्रिपुरा में

बीजेपी की भी पकड़ बनी 

राजनीतिक दृष्टि से देखें तो 18 वर्षों से वाम शासित राज्य में बीजेपी की स्थिती में सुधार आया है. 2016 में हुए तीन उपचुनावों में बीजेपी नंबर दो पर रही. बीजेपी ने शहरी और ग्रामीण निकायों में 50 से ज्यादा सीटें जीतीं. वहीं दूसरी तरफ 2016 कांग्रेस के लिए बुरी खबर लेकर आया है. पार्टी के राज्य में लगातार घटते प्रदर्शन के कारण 10 में से 6 विधायक पार्टी के अन्य नेताओं के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.

सरकार की सक्रियता का फायदा मिला

सरकारी नीतियों का फायदा मिला

सरकार ने साल 2011 में राज्यभर में तीन चरणीय साक्षरता अभियान शुरू किया था. उस समय राज्य की साक्षरता दर 87.75 फीसदी थी, जो कि आज 96.82 फीसदी हो गई है.

राजनीतिक उतार-चढ़ाव के लिए भी यह साल याद किया जाएगा. पश्चिम बंगाल वाम दलों के साथ कांग्रेस के गठबंधन के विरोध में पार्टी के दस में से छह विधायक, बड़ी संख्या में नेता और हजारों कार्यकर्ता सबसे पुरानी पार्टी को छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.

इतना ही नहीं, मनरेगा कानून के तहत रोजगार देने में भी त्रिपुरा लगातार सातवें साल शीर्ष स्थान पर बना रहा. राज्य में प्रति परिवार 94.46 व्यक्ति दिन काम दिया गया, जबकि राष्ट्रीय औसत 48.51 दिन है.