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तीन तलाक कानून पर सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करेगा केंद्र: नक़वी

नक़वी ने कहा कि यह धर्म से जुड़ा विषय नहीं है और इस सामाजिक बुराई के खिलाफ कानून बनाने के लिए सबसे बात की जाएगी.

Bhasha

तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने मंगलवार को कहा कि यह धर्म से जुड़ा विषय नहीं है और इस सामाजिक बुराई के संदर्भ में कानून बनाने के विषय पर केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी.

नक़वी ने कहा, ‘तीन तलाक धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है. यह सामाजिक सुधार से जुड़ा विषय है. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कानून बनाने के संदर्भ में सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी.’


उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक ऐसी सरकार है जो सुधारों को आगे बढ़ाने वाली है. मोदी सरकार प्रारंभ से ही इस सामाजिक बुराई के खिलाफ रही है.

नक़वी ने कहा कि पहले सती प्रथा, बाल विवाह जैसे विषयों पर सुधार लागू किए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमें अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए. हमें सामाजिक बुराई के संदर्भ में सुधारवादी पहल को अपनाना चाहिए.

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा से लैंगिक समानता की पक्षधर रही है. पिछले दो वर्षो में तीन तलाक के मुद्दे पर सार्वजनिक चर्चा चल रही थी.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुए आज अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया. कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है.

चीफ जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने 365 पेज के फैसले में कहा, ‘3:2 के बहुमत से दर्ज की गई अलग-अलग राय के मद्देनजर ‘तलाक-ए-बिद्दत’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है.’ चीफ जस्टिस खेहर और न्यायमूर्ति नजीर ने अल्पमत के निर्णय में तीन तलाक की प्रथा को छह महीने स्थगित रखने की हिमायत करते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने मतभेद परे रखते हुए केन्द्र को इस संबंध में कानून बनाने में सहयोग करें.