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राजनीति या वोट बैंक से जुड़ा मामला नहीं है तीन तलाक: महिला आयोग

महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, 'यह विधेयक महिलाओं की भलाई के लिए लाया गया है. इस पर रोक के लिए कड़े कानून की जरूरत है'

Bhasha

संसद का मॉनसून सत्र आरंभ होने से कुछ दिन पहले राष्ट्रीय महिला आयोग (एनडब्लूसी) ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वो एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) विरोधी विधेयक को मिलकर पारित कराएं क्योंकि 'यह कोई राजनीतिक मामला नहीं, बल्कि महिला अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है.'

बता दें कि शीतकालीन सत्र 18 जुलाई से आरंभ हो रहा है जो 10 अगस्त तक चलेगा.


महिला आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, 'यह प्रस्तावित कानून किसी पार्टी की राजनीति या वोट बैंक से जुड़ा मामला नहीं है. यह महिलाओं के अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है. इस विधेयक को सभी राजनीतिक दलों को मिलकर पारित कराना चाहिए. इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा, 'यह विधेयक महिलाओं की भलाई के लिए लाया गया है. हमारे पास भी ऐसे मामले आते हैं जिसमें महिला को एक बार में तीन तलाक बोलकर घर से बाहर से निकाल दिया गया होता है. इस पर रोक के लिए कड़े कानून की जरूरत है.'

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2017' को पारित किया गया था, लेकिन कुछ बिंदुओं पर विपक्षी दलों की असहमति के कारण के यह विधेयक राज्यसभा में अटका पड़ा है.

कठुआ, उन्नाव और मंदसौर जैसी रेप की जघन्य वारदातों पर रेखा शर्मा ने कहा कि ऐसे मामलों पर सख्त कानून के साथ ही सामाजिक व्यवस्था और लोगों की सोच में बदलाव करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के मामलों में मौत की सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश का दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा.