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राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश

तीन तलाक पर बिल आज यानी बुधवार को चार बजे राज्यसभा में पेश होगा. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद संसद के उच्च सदन में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक- 2017 पेश करेंगे

FP Staff

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश कर दिया गया है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद संसद के उच्च सदन में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक- 2017 पेश किया. सरकार इस विधेयक पर बहस भी कराएगी.

पिछले हफ्ते सरकार ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया था. लोकसभा में बहुमत के चलते वहां यह विधेयक आसानी से पारित हो गया था. मगर राज्यसभा में एनडीए का बहुमत नहीं है इस वजह से इसे यहां से पास कराना चुनौती है. माना जा रहा है कि सरकार को इसे मंजूर कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. बिल के कुछ बिंदुओं को लेकर विपक्ष का विरोध जारी है.


पहले यह विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाना था, लेकिन विपक्षी दलों में इसपर सहमति नहीं बन पाने पर सरकार ने इसे पेश नहीं किया. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने को तैयार नहीं है. वो चाहती है कि विपक्ष सदन में ही इस बिल का विरोध करे. सरकार और विपक्ष के बीच इस मामले में 3 साल की सजा के प्रावधान को लेकर असहमति है.

तीन तलाक विधेयक में यह है प्रावधान

- एक बार में तीन बार तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) कहना गैर-कानूनी होगा

- एक बार में तीन तलाक बोलने वाले शौहर को तीन साल की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा

- तलाक पीड़ित महिला अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी

- पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है. इस मुद्दे पर मजिस्ट्रेट अंतिम फैसला करेंगे

- जम्मू-कश्मीर को छोड़कर यह प्रस्तावित कानून पूरे देश में लागू होगा