आज से देशभर में ट्रांसपोर्टर्स की बेमियादी हड़ताल शुरू होने जा रही है. 'ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन '(AICOGOA) की अगुवाई में होने जा रही यह हड़ताल अनिश्चितकालीन समयावधि तक जारी रहेगी. हड़ताल के दौरान ट्रांसपोर्टर्स खान-पान और कुछ अन्य आवश्यक चीजों की आपूर्ति करते रहेंगे, लेकिन कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सामानों की ढुलाई बंद रहेगी.
अप्रैल में ही हड़ताल का किया था ऐलान
इसके पूर्व भी संगठन ने पिछले वर्ष बीमा शुल्क और सरकारी शुल्क में भारी बढ़ोतरी के विरोध में ट्रक स्ट्राइक पर जाने की चेतावनी दी थी. इस बार किन कारणों से ट्रांसपोर्टर्स हड़ताल पर बैठने को मजबूर हैं, इसका जवाब देते हुए AICOGOA के प्रेजिडेंट बी चेन्नारेडी कहते हैं, यह तो सभी को पता है कि डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में इजाफा और जीएसटी से जुड़ी दिक्कतों के कारण हमने अप्रैल में ही हड़ताल का ऐलान कर दिया था. उससे पहले सरकार से कई दौर की बैठकें नाकाम रही थीं.
3000 करोड़ रुपये का रोजाना हो रहा है नुकसान
वहीं संगठन के सेक्रेटरी कौसर हुसैन ने बताया कि देशभर में लोडिंग शनिवार से ही बंद हो चुकी है, ऐसे में ढुलाई पर असर पहले दिन से ही दिखने लगेगा. हालांकि दूध, सब्जी, दवाइयों जैसी जरूरी चीजों की ढुलाई को हड़ताल से अलग रखा गया है.ट्रांसपोर्टर्स का आरोप है कि सरकार डीजल से रोड टैक्स के रूप में 8 रुपये प्रति लीटर और टोल चार्ज के रूप में 8 रुपये प्रति किलोमीटर वसूल रही है. जिसकी वजह से उन्हें और संबंधित कारबारियों को करीब 3000 करोड़ रुपये का रोजाना नुकसान हो रहा है.
हड़ताल का ज्यादा असर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सप्लाई पर पड़ेगा
ऑल इंडिया फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर में 2-3 दिनों तक सप्लाई पर बुरा असर पड़ेगा. फाउंडेशन के कोऑर्डिनेटर एस.पी सिंह ने कहा कि हड़ताल का ज्यादा असर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सप्लाई पर ही पड़ेगा. हड़ताल लंबी खिंची तो कुछ श्रेणी के उपभोक्ताओं को सामान की किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है.
मौजूदा हड़ताल कमजोर दिख रहा
बता दें कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) जैसे दूसरे संगठनों सोमवार की बजाय अगले महीने से हड़ताल करने वाले हैं. ऐसे में मौजूदा हड़ताल कुछ कमजोर दिख रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि प्रभावित इलाकों में सप्लाई चेन टूटने से पूरे देश में कारोबार पर इसका असर हो सकता है.
ट्रांसपोर्ट संगठन सरकार से टकराव के मूड में
यह बात भी किसी से छुपी नहीं कि देशभर के ट्रांसपोर्टर्स पर (AIMTC) की पकड़ ज्यादा है और वह अगले महीने की 20 तारीख को हड़ताल करने जा रही है. जीएसटी लागू होने के बाद से ही ट्रांसपोर्ट संगठन सरकार से टकराव के मूड में है. लेकिन एकजुट हड़ताल पर सहमति नहीं बन पाने के कारण फिलहाल सरकार पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता नजर नहीं आ रहा है.