अवांछित कॉल्स और संदेशों पर नए नियमों का बचाव करते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने कहा है कि उसने ये नियम बनाते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में काम किया है. ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि अवांछित कॉल्स और संदेशों पर कड़े नियम बनाते हुए नियामक ने अपने अधिकार क्षेत्र में काम किया है. यह एक ऐसी समस्या है जो उपभोक्ताओं को परेशान करने से बढ़ कर धोखाधड़ी का रूप ले चुकी है.
नए नियमों का मजबूती से बचाव करते हुए शर्मा ने कहा कि यदि किसी अंशधारक को लगता है कि ये नियम गैरकानूनी हैं और नियामक के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं, तो उन्हें इसके लिए कानून की मदद लेने की पूरी आजादी है. शर्मा ने कहा. 'हमें नहीं लगता कि हमने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है. यदि किसी पक्ष को लगता है कि यह कानूनी नहीं है तो वे उचित कानूनी मंच के पास जा सकते हैं. हम अवांछित कॉल्स की वजह से उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी को लेकर चिंतित हैं. यह सिर्फ उन्हें परेशान करने जैसा ही नहीं रह गया है बल्कि उससे भी आगे है. लोगों को इसके जरिए वित्तीय सुझाव देकर उनके साथ वित्तीय धोखाधड़ी हो रही है.'
शर्मा ने कहा कि टेलीमार्केटिंग कंपनियों की ओर से अवांछित कॉल्स और संदेशों पर सभी के सहयोग की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह दलील कि अन्य बाजारों ने इसके लिए ब्लॉकचेन आधारित समाधान का इस्तेमाल नहीं किया है, का मतलब यह नहीं है कि भारत भी ऐसा नहीं कर सकता.'
उन्होंने कहा कि ये नियम सिर्फ कानून से हटकर अवांछित व्यावसायिक संचार भेजने वालों को छोड़कर अन्य सभी के लिए लाभ की स्थिति हैं. इससे धोखाधड़़ी या परेशान करने वालों को छोड़कर अन्य सभी को लाभ होगा. शर्मा ने यह भी स्पष्ट करने का प्रयास किया कि ये नियमन ट्राई के प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज एप्पल के साथ विवाद में क्या मतलब रखते हैं. एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि इन नियमनों में इस बात का उल्लेख है कि उपभोक्ता अवांछित कॉल्स की शिकायत कई तरीकों से कर सकते हैं. यह टूाई के डू नॉट डिस्टर्ब एप तक सीमित नहीं है.