आईआईटी-जेईई की जेईई-मेंस और जेईई-एडवांस दोनों परीक्षाओं में सर्वोत्तम प्रदर्शन करना एक साथ्ा दो पहाड़ों को लांघने जैसा है. शायद यही वजह है कि एक बार फिर जेईई-मेंस का टॉपर जेईई-एडवांस की परीक्षा को टॉप नहीं कर सका.
जेईई-मेंस 2017 में टॉप कर इतिहास रचने वाले उदयपुर के कल्पित वीरवाल जेईई-एडवांस में टॉप 100 में भी जगह नहीं बना पाए हैं. कल्पित को जेईई एडवांस में 109वीं रैंक हासिल हुई है.
जबकि जेईई मेंस- 2017 में 360 में से 360 अंक हासिल कर कल्पित भारत के पहले ऐसे छात्र बने थे जिन्होंने इस परीक्षा में पूरे में से पूरे मार्क्स हासिल किए.
हालांकि नीचे दिए गए पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो जेईई-मेन्स टॉप करने वाले छात्र ने जेईई-एडवांस टॉप नहीं किया है. जबकि कई बार तो मेन्स के टॉपर एडवांस के टॉप-10 तक भी नहीं पहुंच पाए हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
फिट्जी के डायरेक्टर आर एल त्रिखा का कहना है कि जेईई-मेंस और जेईई-एडवांस दोनों के पैटर्न में काफी अंतर है. दोनों में सवालों के प्रकार बदल जाते हैं. एडवांस विश्लेषणात्मक है और मेन्स के मुकाबले थोड़ा कठिन है. इसलिए दोनों को क्वालिफाई करने के दौरान रैंक में अंतर आ जाता है. लेकिन दिल्ली के अनन्य अग्रवाल ने मेन्स और एडवांस दोनों में ही तीसरी रैंक हासिल की है.
नारायणा आईआईटी/नीट एकेडमी द्वारका के डायरेक्टर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि कई बार ऐसा हुआ है कि जेईई-मेंस में बेहतर करने वाले छात्र कभी-कभी जेईई-एडवांस में उतना बेहतर नहीं कर पाते हैं. जबकि कई बार इसका उल्टा भी होता है. इन दोनों का मार्किंग पैटर्न अलग है.
जहां जेईई मेंस में चार विकल्प और सिंगल करेक्ट होता है. वहीं जेईई-एडवांस में मल्टी करेक्ट ऑप्शन, इंटीरियर, मैचिंग आदि भी आते हैं. इसमें हार साल कुछ नया भी रहता है. सवालों में ट्रैपिंग रहती है ऐसे में अच्छे से अच्छे बच्चे भी धोखा खा जाते हैं.
पिछले सालों के मेंस टॉपर और उनकी एडवांस जेईई-रैंक
साल-2017-
मेंस टॉपर – कल्पित वीरवाल (36O/36O !)
जेईई एडवांस रैंक- 109
साल- 2016-
मेंस टॉपर – साई तेजा तल्लूरी (345/360)
जेईई एडवांस रैंक - 5
साल-2015-
मेंस टॉपर – संकल्प गौर (345/360)
जेईई एडवांस रैंक - 55
साल- 2014
मेंस टॉपर – वी प्रमोद (355/360)
जेईई एडवांस रैंक - 16
साल- 2013
मेंस टॉपर- अनघ प्रसाद (345/360)
जेईई एडवांस रैंक- 66
दिल्ली में भी मेंस और एडवांस का दिखा अंतर
सिंह ने बताया कि खुद उनकी एकेडमी के अर्श गौतम ने जहां मेंस में 236 रैंक हासिल की थी, वहीं एडवांस में 72 रैंक मिली है. जबकि शुभम अत्री को जेईई-मेंस में ऑल इंडिया 16वीं रैंक मिली थी, लेकिन जेईई-एडवांस में 16वीं रैंक हासिल हुई है.