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कंजेशन घटाने के लिए यमुना नदी पर नया रेल ब्रिज बनाएगा रेलवे

रेलवे के अनुसार गाजियाबाद-दिल्ली रूट पर एक ही पुल होने की वजह से कंजेशन रहता है. इससे कई बार ट्रेनों को 1 से 2 घंटे तक रोके रखना पड़ता है, जिसका असर पूरे रूट पर पड़ता है

FP Staff

भारतीय रेलवे यमुना नदी पर नया रेल ब्रिज (पुल) बनाने की योजना पर काम कर रही है. इसका मकसद ट्रेनों की गति को बढ़ाना है. साथ ही गाजियाबाद-दिल्ली रेल कॉरीडोर से ट्रैफिक को भी कम करना है. रेलवे का कहना है कि इस रूट पर एक ही पुल होने की वजह से कंजेशन रहता है. इससे कई बार ट्रेनों को 1 से 2 घंटे तक रोके रखना पड़ता है, जिसका असर पूरे रूट पर पड़ता है.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार यमुना पर बने पुराने पुल, जिसे लोहा पुल के नाम से भी जाना जाता है, की जगह एक दूसरा पुल बन रहा है. यह नया पुल अगले साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा. इसके अलावा वर्तमान निजामुद्दीन रेल के पास एक और पुल बनाने की योजना है. इसका मकसद यहां से होकर गुजरने वाली 150 यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों के बिना किसी बाधा आवाजाही को सुनिश्चित करना है.


गाजियाबाद-दिल्ली रेल कॉरीडोर देश के व्यस्ततम रेल रूटों में शामिल है

एक ही रेल ब्रिज होने की वजह से रूट पर अक्सर रहता है कंजेशन 

वर्तमान में, गाजियाबाद और नई दिल्‍ली स्‍टेशन के बीच ट्रेन परिचालन काफी धीमी है. अभी इसमें एक घंटे से ज्यादा वक्त लगता है- कंजेशन की वजह से कभी-कभी इसमें दो घंटे तक लगते हैं. इस देरी की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी होती है. इसे देखते हुए दिल्‍ली से समय से जाने वाली ट्रेनों के लिए एक अलग रास्ता बनाने की मांग उठ रही है.

600 मीटर लंबा यह प्रस्‍तावित पुल निजामुद्दीन रेल ब्रिज के पास बनाया जाना है. इस पर करीब 425 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है. यह ब्रिज दिल्‍ली आने-जाने वाली ट्रेनों को एक अतिरिक्‍त रास्‍ता देगा. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ट्रेनें इसपर 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड से दौड़ें.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्तावित रेल ब्रिज के लिए हाइड्रोलिक स्‍टडी का काम जारी है. हमें उम्‍मीद है कि इस साल के अंत तक इस ब्रिज का निर्माण शुरू हो जाएगा.