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कर्नाटक: कुएं से मिला टीपू सुल्तान के छुपाए गए रॉकेट का जखीरा

पुरातत्वविदों, खुदाई करने वालों और मजदूरों की 15 सदस्यीय टीम को टीपू सुल्तान के इस शस्त्रागार और गोला-बारूद का पता लगाने में तीन दिन लगे

FP Staff

कर्नाटक के शिमोगा में खुदाई के दौरान एक कुएं में 18वीं शताब्दी के योद्धा टीपू सुल्तान के एक हजार से अधिक रॉकेट पाए गए हैं. कर्नाटक के सहायक पुरातत्व निदेशक के अनुसार, शिमोगा जिले में कुएं की खुदाई के दौरान रॉकेट और गोले बरामद हुए, जिसे देखकर लगता है कि ये टीपू सुल्तान द्वारा जंग में इस्तेमाल के लिए छुपाए गए थे.

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लगातार जीत हासिल करने के बाद साल 1799 में चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में इस शक्तिशाली शासक की मौत हो गई थी. उन्हें नेपोलियन वार में इस्तेमाल होने वाले ब्रिटिश कांग्रेस रॉकेट का एक प्रोटोटाइप, मैसूरियन रॉकेट नामक एक प्रारंभिक, स्वदेशी रॉकेट विकसित करने का श्रेय दिया जाता है.


आर. शेजेश्वर नायक ने बताया कि 1,000 से ज्यादा रॉकेट बरामद हुए हैं. खुदाई के दौरान मिट्टी की गंध गनपाउडर की तरह लग रही थी. इसमें जब और खुदाई की गई, वहां एक ढेर में रॉकेट और गोले बरामद हुए.

पुरातत्वविदों, खुदाई करने वालों और मजदूरों की 15 सदस्यीय टीम को टीपू सुल्तान के इस शस्त्रागार और गोला-बारूद का पता लगाने में तीन दिन का वक्त लगा. 23 और 26 सेंटीमीटर (12-14 इंच) के रॉकेट शिमोगा में सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए रखे जाएंगे. पुरातात्विक अभिलेखों के अनुसार, शिमोगा का किला क्षेत्र टीपू सुल्तान के साम्राज्य और युद्ध में इस्तेमाल होने वाले रॉकेट का हिस्सा था.

(साभार न्यूज18)