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देखिए: इधर से उठाया, उधर रख दिया टीपू सुल्तान का हथियारखाना

1000 टन की इमारत को जैसे का तैसा शिफ्ट कर दिया गया.

FP Staff

इंजिनियरिंग का अद्भुत कमाल दिखाते हुए श्रीरंगपट्न में टीपू सुल्तान के जमाने की एक इमारत को सीधे उठाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. ऐसा रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के लिए जगह खाली करने के लिए किया गया. इस प्रक्रिया में इमारत को कोई नुकसान नहीं हुआ.

6 मार्च को मांड्या जिले में टीपू सुल्तान के हथियारखाने को उसकी मूल जगह से उठाकर 20 मीटर दूर रख दिया गया है. इस इमारत को मैसूर के टीपू सुल्तान ने बनवाया था और यहां हथियारें, तोपें और बारूद रखा जाता था.


इस स्मारक को शिफ्ट करने का काम भारतीय रेलवे के लिए ही शायद देश के लिए पहली ऐसी सफलता है. इस कार्य में 13 करोड़ रुपए का खर्च आया है.

शिफ्टिंग की यह प्रक्रिया 17 नवंबर 2016 को शुरू की गई थी. इस स्मारक का वजह करीब 1,000 टन है. इस प्रोजेक्ट की दिल्ली की पीएसएल इंजीनियरिंग और अमेरिका की वूल्फे नाम की कंपनियों ने मिलकर पूरा किया.

शिफ्टिंग की यह प्रक्रिया 17 नवंबर 2016 को शुरू की गई थी. इस स्मारक का वजह करीब 1,000 टन है. इस प्रोजेक्ट की दिल्ली की पीएसएल इंजीनियरिंग और अमेरिका की वूल्फे नाम की कंपनियों ने मिलकर पूरा किया.

दक्षिण पश्चिम रेलवे ने कहा, ‘यह स्मारक उस जगह से हटा दिया गया है जहां से नई लाइन बिछनी है. हालांकि इसे पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए हम इसे 50 मीटर तक खिसकाने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद काम शुरू किया जाएगा.'

रेलवे बेंगलुरु-मैसूरु लाइन पर ट्रैक डबल कर रहा है. सिर्फ 1.5 किलोमीटर का काम बचा है और ट्रैक को अप्रैल तक तैयार कर लिए जाने की उम्मीद है.