एनआईए की विशेष अदालत ने बुधवार को अजमेर दरगाह बम धमाके मामले में अपना फैसला सुनाते हुए 3 लोगों को दोषी ठहराया है. अदालत ने इस मामले में आरोपी बनाए गए 5 लोगों को बरी कर दिया है.
कोर्ट से आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार को क्लीन चिट मिल गई है. जबकि, स्वामी असीमानंद को भी बरी कर दिया है. फैसले में भावेश और देवेंद्र गुप्ता को दोषी ठहराया गया है. साथ ही मृतक सुनील जोशी को भी दोषी माना गया है.
2007 में हुए अजमेर दरगाह बम धमाके की घटना को टाइमलाइन के जरिए बताते हैं...
11 अक्टूबर, 2007
दरगाह में बम धमाका हुआ जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 15 लोग जख्मी हो गए. धमाके के बाद बम निरोधक दस्ते ने दरगाह परिसर से दूसरे बम को ढूंढकर उसे डिफ्यूज कर दिया.
26 अप्रैल, 2010
अजमरे से देवेंदर गुप्ता नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया गया
मई, 2010
1 मई के दिन मध्य प्रदेश से चंद्रशेखर बारोड को गिरफ्तार किया गया. 14 मई को मध्य प्रदेश से ही लोकेश शर्मा को पकड़ा गया.
22 अक्टूबर, 2010
अजमेर कोर्ट में इस मामले में चार्जशीट दायर की गई.
6 जुलाई, 2015
कांग्रेस ने गवाहों के लगातार बयान बदलने के लिए केंद्र और राज्यों की सत्ता में बैठे लोगों को जिम्मेदार ठहराया.
7 जुलाई, 2015
अजमेर दरगाह धमाके मामले में आनंद राज कटेरिया नाम के एक और गवाह ने अपना बयान बदल दिया. कटेरिया ने एटीएस के सामने पहले दिए अपने बयान में साध्वी प्रज्ञा सिंह से अपनी औपचारिक तौर पर मुलाकात की बात कही थी. उसने असीमानंद और देवेंदर गुप्ता को भी जानने की बात मानी थी.
11 जुलाई, 2015
मामले से जुड़े 3 और गवाह अपने बयान से मुकर गए. तीनों ने एनआईए की विशेष अदालत को बताया कि, वो असीमानंद को नहीं पहचानते.
8 मार्च, 2017
एनआईए की विशेष अदालत ने बुधवार को मुख्य आरोपी असीमानंद को मामले में बरी कर दिया.