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यूपी में तेज आंधी, बारिश से 12 लोगों की मौत, पूरे देश में बदला मौसम का मिजाज

तूफान और बारिश से अवध इलाके में सात लोगों की मौत हो गई. सीतापुर में चार, गोंडा में दो और फैजाबाद में एक-एक व्यक्ति के मरने की सूचना है

FP Staff

उत्तर प्रदेश में बुधवार शाम आई तेज आंधी, बारिश और बिजली गिरने से अलग-अलग जिलों में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं. सीतापुर, फैजाबाद, चित्रकूट, गोंडा, हरदोई, कौशांबी और कन्नौज जिले में आंधी और बारिश से आबादी का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है.

तूफान और बारिश से अवध इलाके में सात लोगों की मौत हो गई. सीतापुर में चार, गोंडा में दो और फैजाबाद में एक-एक व्यक्ति के मरने की सूचना है. कन्नौज और कौशांबी में दो-दो और हरदोई में एक की जान चली गई.


गोंडा जिले के नवाबगंज इलाके के अंबरपुर गांव में तेज आंधी की वजह से पेड़ की डाल टूटकर गिर गई. इस घटना में दो चचेरी बहनें कोमल और श्वेता की दबकर मौत हो गई. सीतापुर जिले के धर्मपुर में घर दीवार गिरने से अरबी (20) की मौत हो गई. वहीं, सद्दूपुर में टीनशेड और दीवार गिरने से नजर मोहम्मद के बेटे सुहेल (12) की दबकर मौत हो गई. महोली में छत से गिरकर भन्नू की जान चली गई.

दूसरी तरफ फैजाबाद के कैंट में पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई. वहीं, अयोध्या में 50 से अधिक पेड़ धराशायी हो गए, जबकि छह से अधिक लोग घायल हुए हैं.

बदला मौसम का मिजाज

दक्षिण पश्चिम मानसून कमजोर पड़ने के कारण देश के पश्चिमी इलाकों में हो रही बारिश का दौर धीमा हुआ है. हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिमी इलाकों में धूल भरी आंधी की वजह से दिल्ली सहित उत्तरी राज्यों में धूल का गुबार सा छाया हुआ है.

मौसम विभाग की और से बुधवार को जारी पूर्वानुमान के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून के कमजोर पड़ने से दक्षिणी प्रायद्वीप, मध्य और पूर्वी भारत के अंदरूनी इलाकों में अगले एक सप्ताह तक बारिश में गिरावट आने का अनुमान जताया गया है. मानसून की तेजी को देखते हुए पूर्वोत्तर राज्यों में अगले तीन दिन तक बारिश में तेजी आएगी.

विभाग ने नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अगले 24 घंटो में भारी बारिश (204 मिमी तक) की आशंका जताई गई है. साथ ही पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव जम्मू कश्मीर और हरियाणा सहित अन्य पड़ोसी राज्यों में होने के कारण इन इलाकों में आंधी तूफान की आशंका जताई गई है. इस बीच दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धूल का गुबार छाए रहने की आशंका है.