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गगनयान मिशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी, 3 भारतीय अंतरिक्ष में बिताएंगे 7 दिन

पीएम मोदी ने इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने भाषण में कहा था कि भारत का साल 2022 तक अंतरिक्ष में मानव को भेजने का सपना साकार हो जाएगा जिसके लिए सरकार काम कर रही है

FP Staff

मोदी कैबिनेट ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए तीन लोगों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है. इस स्पेस कार्यक्रम का नाम गगनयान मिशन रखा गया है. न्यूज 18 की खबर के अनुसार कैबिनेट कमेटी के फैसले के मुताबिक 3 वैज्ञानिकों को कम से कम 7 दिनों के लिए अंतिरक्ष में भेजा जाएगा जिसकी अनुमानित लागत 10 हजार करोड़ रुपए होगी. बता दें कि पीएम मोदी ने इसी साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने भाषण में कहा था कि भारत का साल 2022 तक अंतरिक्ष में मानव को भेजने का सपना साकार हो जाएगा जिसके लिए सरकार काम कर रही है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसमें 10000 करोड़ रुपए की लागत आएगी 


इसी के तहत आज केंद्रीय कैबिनेट के वित्तीय कमेटी ने इसके लिए बजट का ऐलान कर दिया है. अगर गगनयान प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो भारत अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन यह कारनामा कर चुके हैं. मीडिया को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस परियोजना में 10,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी जिसकी मंजूरी मिल चुकी है.

भारतीय वैज्ञानिकों को एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा

रिपोर्ट के मुताबिक गगनयान मिशन का विकास करने की परिकल्पना 2006 में यूपीए सरकार के शासनकाल में की गई थी. इस अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारतीय वैज्ञानिकों को कम से कम एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके लिए स्पेस क्राफ्ट तैयार करने की योजना भी बनाई थी. हालांकि उस वक्त इस स्पेस कार्यक्रम की कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी लेकिन पीएम मोदी ने इसके लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा था. गगनयान की मदद से तीन वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में भेजकर उन्हें फिर धरती पर लाने की क्षमता का विकास किया जाएगा.

एजेंसी रॉसकॉसमॉस भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की मदद करेगा

गगनयान जैसे महत्वाकांक्षी योजना में भारत का सबसे पुराना मित्र रहा रूस उसकी मदद करेगा. बीते दिनों भारत-रूस शिखर वार्ता के लिए नई दिल्ली आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिरमीर पुतिन ने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान में सहायता करने की इच्छा जताई थी. गगनयान मिशन के लिए रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की मदद करेगा. इसके लिए दोनों ही देशों के बीच समझौता हो चुका है.