मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में 27 जून के बाद किसी भी समय मॉनसून दस्तक दे सकता है. मौसम विभाग ने दिल्ली में अच्छे मॉनसून की भविष्यवाणी की है. जाहिर सी बात है जब दिल्ली में अच्छा मॉनसून होगी तो बारिश से पूरी दिल्ली लबालब भी हो जाएगी. ऐसे में इस बार का मॉनसून दिल्लीवालों के लिए अच्छी और बुरी दोनों सौगात लेकर आने वाला है.
एक तरफ दिल्लीवालों को अच्छे मॉनसून से गर्मी से राहत मिलेगी तो दूसरी तरफ दिल्ली में जगह-जगह जलजमाव के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी दो-चार होना पड़ेगा. मौसम विभाग की माने तो इस बार का मॉनसून दिल्लीवालों को डूबाने वाला और रुलाने वाला भी साबित हो सकता है.
अच्छे मॉनसूस के साथ डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ेगा
दिल्ली में पिछले एक हफ्ते के दौरान मलेरिया के कम से कम 11 नए मामले दर्ज किए गए हैं और इसे मिलाकर इस मौसम में इस बीमारी से ग्रस्त लोगों की संख्या 40 तक पहुंच गई है. अगर दूसरे राज्यों से आए मरीजों को भी मिला दें तो दिल्ली में मलेरिया के चपेट में 80 लोग अब तक आ चुके हैं. दूसरी तरफ डेंगू की बात करें तो इसके मरीजों की संख्या दिल्ली में 53 तक पहुंच गई है. पिछले एक हफ्ते में डेंगू के 5 नए मामले सामने आए हैं. डेंगू के 53 मरीजों में से 25 मरीज दिल्ली से सटे आस-पास के राज्यों के हैं.
दिल्ली में 16 से 23 मई के बीच डेंगू के महज चार नए मामले सामने आए. इसका मतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में मलेरिया डेंगू से कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहा है. मलेरिया के कुल 40 मामलों में से 19 मामले जून में, 17 मई में, अप्रैल-मार्च में एक-एक और फरवरी में दो मामले दर्ज किए गए. रिपोर्ट के मुताबिक इस मौसम में दर्ज हुए डेंगू के 28 मामलों में से छह जनवरी में दर्ज हुए. तीन फरवरी में, एक मार्च में, दो अप्रैल में, 10 पिछले महीने और छह जून में दर्ज हुए हैं.
इतना तो तय है कि दिल्ली में अच्छे मॉनसून के बाद डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया पैर पसारना शुरू कर देंगे. दिल्ली नगर निगम के पुराने रिकॉर्ड भी दिल्लीवालों की नींद गायब करने के लिए काफी है. ऐसे में कहा जा रहा है कि पिछले साल की तुलना में डेंगू मरीजों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है.
मॉनसून में जलजमाव दिल्ली को करेगा बीमार
दिल्ली में जलजमाव की समस्या काफी पुरानी है. पिछले कई सालों से थोड़ी सी बारिश में ही दिल्ली में जगह-जगह पानी भर जाता है. खासकर मॉनसून के वक्त दिल्लीवालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दिल्ली में जलजमाव के कारण दिक्कत ही नहीं होती है कई लोगों की जान भी चली जाती है. जगह-जगह जलजमाव की समस्या के कारण पूरी दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है.
बता दें कि दिल्ली में हर साल मॉनसून से पहले नाले में जलजमाव की समस्या पैदा हो जाती है. इसके कारण दिल्ली में डेंगू और मलेरिया के फैलने की आशंका सबसे ज्यादा बनी रहती है. इस साल मौसम विभाग की भविष्यवाणी को दरकरार करते हुए दिल्ली नगर निगम(एमसीडी) और न ही दिल्ली सरकार के कोई मंत्री संवेदनशील हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार और एमसीडी के किसी अधिकारी की तरफ से अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है. दिल्ली सरकार के कई मंत्रियों के क्षेत्रों में भी नाले की सफाई का काम अभी तक 30 से 35 प्रतिशत ही हो पाया है.
दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट का कहना है कि इस बार दिल्ली में जलजमाव नहीं हो इसके लिए जरूरी इंतजाम भी किए हैं. मॉनसून से पहले दिल्ली के छोटे-बड़े सभी नालों की सफाई करा दी जाती है, लेकिन इस बार पूरी तरह से नाले की कीचड़ नहीं निकाली गई है. बता दें कि दिल्ली में पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के अंतगर्त लगभग एक हजार 35 किलोमीटर की सड़कें आती हैं. पीडब्ल्यूडी अधिकारी दबी जुबान में कहते हैं कि दिल्ली में पूरी तरह से नालों की सफाई का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है.
दिल्ली में मॉनसून के दस्तक देने के बाद की स्थिति को लेकर अधिकारी भी परेशान नजर आ रहे हैं. इन अधिकारियों का कहना है कि पूरे दिल्ली में नालों की सफाई का काम अधूरा है. ऐसे में जब बारिश के पानी से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी फैलेगी तो इसका ठीकरा हम लोगों के सर पर फोड़ दिया जाएगा, जबकि हकिकत कुछ और ही है. पिछले कई सालों से दिल्ली सरकार ने डेंगू और चिकनगुनिया के खतरे से निपटने के लिए तीनों एमसीडी को करोड़ों रुपए जारी किए थे. एमसीडी को पैसे जारी करने को लेकर एमसीडी और दिल्ली सरकार में रार भी चलती रहती है. इसके बावजूद समस्या का अंत होता नहीं दिख रहा है.
दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तकरार से सुस्त हुई तैयारियां
पिछले साल दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से निपटने के लिए लगातार बैठक की थी. एलजी अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें की थी. लेकिन, इस साल दिल्ली में चल रहे सियासी ड्रामे के कारण अभी तक कोई बैठक की खबर नहीं है. पिछले साल एलजी ने नगर निगम के अधिकारियों को जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे. एलजी ने नगर निगम को सख्त हिदायत दी थी कि इस बार अगर मामला बिगड़ता है तो लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन, इसके बावजूद दिल्ली सरकार और नगर निगम के पार्षदों और अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ.
पिछले साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने पूर्वी नगर निगम को 4 करोड़ 65 लाख, उत्तरी नगर निगम को 11 करोड़ 50 लाख और दक्षिणी नगर निगम को 8 करोड़ 38 लाख रुपए दिए थे. इसके बावजूद दिल्ली में पिछले कुछ सालों से डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया के कारण लगातार मौतें हो रही हैं. हाल के वर्षों में डेंगू से सबसे ज्यादा 60 लोगों की मौत 2015 में हुई थी. वहीं दूसरी तरफ अच्छे मॉनसून के बाद जलजमाव की समस्या से भी दिल्लीवाले परेशान होने वाले हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल सैकड़ों की जान लेने वाले रोग फिर तेजी से अपने पैर फैला रहे है. देखा जाए तो आम तौर पर ये बीमारियां जुलाई से नवम्बर के अंत तक देखी जाती हैं. लेकिन इस साल यह पहले ही अपने प्रकोप दिखा रही हैं. साल 2017 में मलेरिया ने पिछले चार सालों का रिकॉर्ड तोड़ा था, तब इसके 500 से ज्यादा मामले सामने आए थे.