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सोशल ट्रेड के मायाजाल में न जाने कितने और अनुभव मित्तल के राज खुलेंगे

कंपनियां ऑनलाइन वीडियो देखने के नाम पर लोगों के मोबाइल पर मैसेज, व्हाट्सप और ई-मेल के द्वारा संपर्क करती है.

Ravishankar Singh

देश में सोशल ट्रेड के नाम पर ठगी करने वाली कंपनियों की बाढ़ आ गई है. ऑनलाइन ठगी करने वाले अनुभव मित्तल का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जांच एजेंसियों की नजर में एक नया मामला ऑनलाइन वीडियो दिखा कर ठगने का आ गया है.

यूपी एसटीएफ ने इसके लिए साइबर सेल को फर्जी कंपनियों की जानकारी देने को कहा है. साइबर सेल पता लगा रही है कि ऑनलाइन वीडियो दिखाने के नाम कौन-कौन सी कंपनियां नोएडा-एनसीआर में काम कर रही हैं.


नोएडा एसटीएफ के एसपी आर. एन. मिश्रा फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘अभी तक इस तरह की कोई शिकायत हमारे पास नहीं आई है. अभी जिन कंपनियों के मामले हमारे पास आए हैं, उसकी जांच खत्म होते ही हम ऑन लाइन वीडियो देखने के नाम पर ठगी करने वाली कंपनियों पर भी जांच शुरू कर देंगे.’

कंपनियां ऑनलाइन वीडियो देखने के नाम पर लोगों के मोबाइल पर मैसेज, व्हाट्सप और ई-मेल के द्वारा संपर्क करती है. कंपनियां लोगों को समझाती है कि वीडियो देख कर आप घर बैठे लाखों कमा सकते हो.

आपको अपने मोबाइल फोन पर वीवीएन एप्लीकेशन डाउनलोड कर एप के जरिए रोजना तीन वीडियो देखनी होगी. यह वीडियो तीन सैकेंड से लेकर तीन मिनट तक के होंगे. इसके बाद आपको पैसे मिलेंगे.

लोगों को बताया जा रहा है कि ये कंपनी सरकार से मान्यताप्राप्त है. कंपनियां ग्राहकों से कहती है कि ऑनलाइन वीडियो देखने के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है, ऐसे में आप लोगों को टीम बनाने में भी ज्यादा मुश्किल नहीं आएगी.

एक आदमी को पांच लोगों की टीम बनानी होगी. इसके बाद टीम से जुड़ने वाला हर शख्स पांच-पांच लोगों को जोड़ेगा. यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा.

टीम जैसे-जैसे बड़ी होगी हर एक सदस्य को मुनाफा और बढ़ता जाएगा. आठ-दस महीने के बाद आपकी टीम में लाखों जुड़ जाएंगे. और उस दिन आपकी रोज की कमाई कई लाखों में हो जाएगी.

ऑन लाइन वीडियो देखने के नाम पर ठगी करनी वाली कंपनी की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इन कंपनियों के द्वारा ग्राहकों से एक भी पैसा नहीं लिया जाता है. सिर्फ वीडियो देखने के नाम पर लोगों को जोड़ कर पिरामिड बनाकर करोड़पति बनाने का लालच दिया जाता है.

ऑनलाइन भेजे जा रहे मैसेज में एक लिंक दिया जाता है. इस लिंक पर क्लिक कर एप्लीकेशन को डाउनलोड किया जाता है. इसके बाद आपको साइन-अप करना पड़ता है. साइन-अप करते वक्त इसमें आप अपना असली नाम, अपना ई-मेल आईडी देते हैं. इसके बाद कंपनी के तरफ से रेफर कोड मांगा जाता है. इसके बाद आप इस बिजनेस से जुड़ जाते हैं.

हाल के कुछ दिनों से सोशल ट्रेड के नाम पर ठगी करनी वाली कंपनियों का पोल खुल रही है. बीते दो फरवरी को नोएडा की एक कंपनी एब्लेज इंफो सोल्यूशन के डायरेक्टर सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.

इसके बाद नोएडा की एक और कंपनी वेबवर्क ट्रेड लिंक्स कंपनी के निदेशकों पर भी शिकंजा कसा गया. सोशल ट्रेड के नाम पर ठगी करने वाली कंपनी एब्लेज इंपो सोल्यूशन कंपनी के खिलाफ 10 हजार से अधिक ऑन लाइन शिकायतें मिल चुकी हैं.

जिसमें कई शिकायत विदेशों से आई हैं. कंपनी के डायरेक्टर अनुभव मित्तल पर आरोप है कि साढ़े छह लाख लोगों से 37 सौ करोड़ रुपए ठगी की गई.

इसी तरफ का एक और आरोप नोएडा की एक और कंपनी वेबवर्क पर लगा है, जिसकी जांच नोएडा एसटीएफ ने शुरू कर दी है. कंपनी पर आरोप है कि ऑनलाइन विज्ञापन क्लिक के नाम पर लोगों को ठग रही थी.

कंपनी का वेबसाइट जनवरी महीने से ही खुल नहीं रहे थे. जिसके बाद ग्राहकों ने साइबर सेल को शिकायत किया. इस कंपनी के डायरेक्टर्स फरार हो गए हैं. इस मामले की जांच के लिए एसटीएफ ने आयकर विभाग और ईडी से संपर्क किया है.

इन दो कंपनियों के अलावा भी ऐसी कई कंपनियां हैं जिन पर आने वाले दिनों में शिकंजा कस सकता है. देश में ऐसी कई कंपनियां काम कर रही हैं जिनका धंधा वीडियो दिखाने के नाम पर चल रहा है. यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि इनमें सभी कंपनियां फर्जी है.