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'प्रभु' के राज में ये भी देख लिया, राजधानी एक्सप्रेस में बड़ी लूट

रेलवे पुलिस के पास फिलहाल कुल करीब 3 लाख रुपये की चोरी का मामला दर्ज हुआ है

FP Staff

भारतीय रेल में आम मुसाफिरों की छोड़िए, राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी सुरक्षा के हालात चिंताजनक हो चुके हैं. बीती रात मुंबई से दिल्ली आने वाली अगस्त क्रांति राजधानी एक्‍सप्रेस में दर्जनभर से ज्यादा लोग संगठित अपराध का शिकार हो गए.

मुसाफिरों को नशीले पदार्थ से बेहोश कर करीब 15 लाख रुपए की लूट को अंजाम दिया गया. ये हालात तब हैं जब रेल मंत्री सुरेश प्रभु खुद मुंबई से ताल्लुक रखते हैं. भारतीय रेल में कानून और व्यवस्था के क्या हालात हैं इसकी गवाही के लिए 12953 मुंबई से हज़रत निज़ामुद्दीन के लिए चलने वाली ट्रेन उदाहरण है.


मुसाफिर ट्रेन में सो रहे थे और तभी छह डिब्बों में अपराधियों ने लूट की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया. माना जा रहा है कि इसके लिए पहले मुसाफिरों को नशीले पदार्थ से बेहोश किया गया फिर महिलाओं के पर्स, गहने और ज़ेवरात पर हाथ साफ कर दिया गया.

इस वारदात की जानकारी लोगों को तब मिली जब एक महिला की नींद रतलाम स्टेशन पर खुली. उसने अपना पर्स गायब देखकर शोर मचाना शुरू किया. थोड़ी ही देर में पता चला कि इस ट्रेन के छह डिब्बों के एक दर्जन से ज़्यादा मुसाफिर लूटे जा चुके हैं. बुधवार सुबह दिल्ली के हज़रत निज़ामुद्दीन स्टेशन पहुंचने पर पर यहां 10 मुसाफिरों ने रेलवे पुलिस के पास इसकी शिकायत दर्ज़ कराई.

दिल्ली में रेलवे पुलिस के डीसीपी परवेज़ अहमद ने बताया कि निजामुद्दीन स्टेशन पर 10 लोगों ने चोरी की शिकायत दर्ज़ कराई है. क्योंकि ये घटना रतलाम के पास हुई है इसलिए इसे जीरो एफआईआर के तौर पर दर्ज़ किया गया. आगे इसे जांच के लिए रतलाम रेल पुलिस को सौंप दिया जाएगा.

हालांकि रेलवे पुलिस के पास फिलहाल कुल करीब 3 लाख रुपये की चोरी का मामला दर्ज हुआ है. लेकिन मुसाफिरों के मुताबिक एक एनआरआई के चाढ़े चार लाख रुपये चोरी हुए हैं. मथुरा तक आने वाले एक मुसाफ़िर के सवा लाख रुपये चोरी हुए हैं, जिनकी शिकायत अभी तक रेलवे पुलिस को नहीं मिली है. इसके अलावा कई महिलाओं के ज़ेवर और गहने भी गायब हुए हैं.

कुल मिलाकर इस वारदात में दर्जन भर मुसाफिरों के 15 लाख रुपये नकद और सामान गायब हुआ है. मुसाफिरों को शक है कि वारदात के पीछे ट्रेन स्टाफ की मिलीभगत हो सकती है. हालांकि पहले भी इस तरह से मामले सामने आ चुके हैं जब ट्रेन के स्टाफ इस तरह के अपराध मे शामिल रहे हैं. ख़ासकर ठेकेदारों के अधीन काम करने वाले कोच अटेंडेंट या पैंट्री स्टाफ इसके लिए हमेशा शक के घरे में होता है.

इसलिए रेल पुलिस दिल्ली ने डीआरएम दिल्ली से ठेके पर रखे जाने वाले हर स्टाफ का पुलिस वेरिफ़िकेशन कराने को कहा है. लेकिन इन कवायदों के बाद भी रेलवे में मुसाफिरों के जान और माल की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है.

(न्यूज़18 के लिए चंदन कुमार की रिपोर्ट)