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भारतीय ट्रेनों से एक साल में गायब हो गए 2 लाख तौलिए, कई चीजें घर ले गए लोग

पश्चिम रेलवे से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष के दौरान ट्रेन से 1.95 लाख तौलिए चुरा लिए गए

FP Staff

भारतीय रेलवे को यात्रियों ने सच में अपना घर मान लिया है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि भारतीय रेलवे से संबंधित आंकड़े बता रहे हैं. यात्रियों ने यात्रा के दौरान मिलने वाली चीजों को अपने घर में प्रयोग करना शुरू कर दिया क्योंकि वह ऐसी चीजों की चोरी करके घर ही ले जाते हैं.

मुंबई मिरर के मुताबिक पश्चिम रेलवे से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्तीय वर्ष के दौरान ट्रेन से 1.95 लाख तौलिए चुरा लिए गए. इसके अलावा 81,736 चादरें, 5,038 तकिया, 55,573 तकिया कवर और 7,043 कंबल गायब होने का मामला सामने आया है.


यात्रियों ने टॉयलेट मग को भी नहीं छोड़ा. पूरे साल में 200 टॉयलेट मग, हजार टैप और 300 फ्लश पाइप चुराए गए. चुराई गई चीजें करीब 62 लाख रुपए बताई जा रही है. बीते तीन सालों में भारतीय रेलवे को 4 हजार करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है.

ट्रेन से गायब हुए तकिया-चादर जैसी चीजों का नुकसान कोच अटेंडेंट को उठाना पड़ता है वहीं अगर बाथरूम से कोई चीज चोरी होती है तो उसका नुकसान भारतीय रेलवे को ही उठाना पड़ेगा.

मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन में मिलने वाली बेडशीट की कीमत 132 रुपए होती है, वहीं तौलिए की कीमत 22 रुपए और तकिया 25 रुपए की होती है. ट्रेनों में चोरियों की घटना को रोकने के लिए सरकार के प्रयास कुछ खास असर डालते नहीं दिख रहे हैं.