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योगी सरकार ने 15 हजार करोड़ के एक्सप्रेस वे की जांच शुरू कराई

करीब 230 गांवों के करीब 30 हजार से ज्यादा किसानों से 3 हजार 420 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया

FP Staff

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट 15 हजार करोड़ रुपए के लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को लेकर योगी सरकार ने जांच शुरू कर दी है. रविवार को एक्सपर्ट टीम ने लखनऊ से आगरा के बीच पांच जगहों पर सड़क के सैंपल लिए.

जानकारी के अनुसार जांच में निर्माण की गुणवत्ता, 3000 करोड़ की कीमत अचानक 15 हजार करोड़ तक कैसे पहुंच गईं, जमीन अधिग्रहण में क्या अनियमितता हुईं, किसानों को मुआवजा कैसे और कितना दिया गया आदि बिंदुओं को शामिल किया गया है.


जांच टीम को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीइआईडीए) के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी लीड कर रहे हैं. उन्होंने सड़क बनाने में नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया के मानकों का पालन किया गया है या नहीं, इसके लिए करीब 300 किलोमीटर में पांच जगह सैंपल लिए.

22 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर हुई दर्ज

योगी सरकार ने सत्ता में आने के फौरन बाद ही इस एक्सप्रेस वे की जांच के आदेश दे दिए थे. इसके बाद मामले में 22 अधिकारियों के खिलाफ भू-अधिग्रहण और किसानों को मुआवजे देने में अनियिमितता के आरोप में फिरोजाबाद में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है. ये एफआईआर फिरोजाबाद की डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर दर्ज कराई गईं.

ये हाईवे लखनऊ से उन्नाव, कानपुर देहात, मैनपुरी, इटावा, औरैया, हरदोई, कन्नौज और फिरोजाबाद होते हुए आगरा तक जाता है. इसके लिए करीब 230 गांवों के करीब 30 हजार से ज्यादा किसानों से 3 हजार 420 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया. इस दौरान कई शिकायतें ऐसी आईं, जिनमें लैंड यूज बदलने में नियमों का पालन नहीं किया गया.

(साभार: न्यूज़18)