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स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन एम्स ऋषिकेश में 11 नवंबर से होंगे

स्वामी सानंद के अनुयायियों ने उनकी देह को अंतिम दर्शनों के लिS हरिद्वार स्थित उनके मातृसदन आश्रम भेजे जाने का अनुरोध उत्तराखंड हाईकोर्ट से किया था

Bhasha

मशहूर पर्यावरणविद् प्रोफेसर जी.डी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन उनके अनुयाई एम्स ऋषिकेश में 11 नवम्बर से कर सकेंगे.

एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि संस्थान को सुप्रीम कोर्ट के इस आशय के आदेश की प्रति अभी नहीं मिल पायी है लेकिन अन्य स्रोतों से जानकारी संज्ञान में आने के बाद एम्स ने दर्शनों की व्यवस्था की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला कर लिया है.


गंगा नदी के संरक्षण को लेकर अनशनरत स्वामी सानंद के जल त्यागने के बाद तबियत बिगड़ने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था जहां 11 अक्टूबर को उनका निधन हो गया था. स्वामी सानंद ने एम्स ऋषिकेश के मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के लिए अपनी देह दान कर दी थी.

स्वामी सानंद के अनुयायियों ने उनकी देह को अंतिम दर्शनों के लिS हरिद्वार स्थित उनके मातृसदन आश्रम भेजे जाने का अनुरोध उत्तराखंड हाईकोर्ट से किया था जिस पर हाईकोर्ट ने ऐसे आदेश दिए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसी दिन हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अब स्वामी सानन्द के शरीर को उनके अनुयायियों के लिए दर्शनार्थ रखे जाने के सशर्त आदेश दिये हैं.

इन आदेशों की जानकारी मिलने पर एम्स ऋषिकेश ने स्वामी सानन्द के शरीर को स्थापित मानकों तथा प्रोटोकॉल के तहत दर्शनार्थ रखने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है.

थपलियाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलते ही उस पर अमल किया जाएगा. मृत्यु के बाद से स्वामी सानंद का पार्थिव शरीर एम्स के एनाटॉमी विभाग में रासायनिक लेप के बाद फॉर्मलीन के घोल में संरक्षित किया गया है.