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रॉबर्ट वाड्रा की जमीन खरीदने के लिए जिस कंपनी ने दिया था लोन, उसे टैक्स में मिली भारी छूट

2011-12 में बीपीएसल ने दिल्ली स्थित एक कंपनी एलेजेनी फिनलीज को 5.64 करोड़ रुपए का लोन दिया था. कंपनी की रिकॉर्ड के मुताबिक इन पैसों का इस्तेमाल बीकानेर में वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटालिटी से जमीन खरीदने में हुआ

FP Staff

प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की जमीन खरीदने के लिए लोन देने वाली कंपनी को टैक्स पैनल से बड़े पैमाने पर छूट मिली है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) राजस्थान के बीकानेर में विवादित जमीन के सौदों के कई मामलों की जांच कर रहा था. इसी में वाड्रा की संपत्ति भी शामिल थी. अब ईडी ने इनकम टैक्स सेटलमेंट कमीशन से भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) से जुड़ी कार्यवाही का ब्योरा मांगा है, बीपीएसएल ही वह कंपनी है जिसने वाड्रा की जमीन खरीदने वाली कंपनी को लोन दिया है. इस कंपनी ने तय कीमत से सात गुना ज्यादा पर जमीन खरीदी.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, तत्कालीन ईडी डायरेक्टर करनैल सिंह  ने दो महीने पहले ही कमीशन से पत्र लिखकर बीपीएसएल केस के ब्योरे की मांग की थी. साथ ही साथ उस फैसले की भी जानकारी मांगी थी जिसे सुरक्षित रख लिया गया था. करनैल सिंह ने पुनर्गठित बेंच के ब्योरे की भी मांग की थी, जिसने कथित तौर पर बीपीएसएल को राहत देने के लिए नियमों में हेरफेर की.


सूत्रों ने बताया कि ईडी पहले भी इस मामले में पूछताछ कर चुका है. करनैल सिंह ने यह फॉलोअप लेटर भेजा था. लेकिन पहले की पूछताछ में कमीशन ने कहा था कि रिकॉर्ड सारे आग में जलकर खाक हो गए.

2011-12 में बीपीएसल ने दिल्ली स्थित एक कंपनी एलेजेनी फिनलीज को 5.64 करोड़ रुपए का लोन दिया था. एलेजेनी फिनलिज कंपनी की रिकॉर्ड के मुताबिक इन पैसों का इस्तेमाल बीकानेर में वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटालिटी से जमीन खरीदने में हुआ.

सेटलमेंट कमीशन ने 500 करोड़ की राहत दे दी

संयोग बस इसी समय यानी दिसंबर 2011 में सेटलमेंट कमीशन ने एक आदेश दिया था, जिसमें आईटी विभाग के खिलाफ बीपीएसएल की याचिका जिक्र था. इसी के बाद आईटी विभाग ने बीपीएसएल के खिलाफ शो-कॉज नोटिस जारी किया और कंपनी से साल 2004-05 और 2011-12 के दौरान उसके खई खातों में 800 करोड़ रुपए से ऊपर गई रकम को इनकम टैक्स रिकॉर्ड में दिखाने के लिए कहा.

सेटलमेंट कमीशन ने अपने अंतिम आदेश में बीपीएसएल के 800 करोड़ के उस रकम को घटाकर 317 करोड़ दिखाया और सीधे 500 करोड़ की राहत दे दी. सिर्फ इतना ही नहीं, पैनल ने कानूनी प्रक्रिया और जुर्माने से भी राहत दे दी. यह मात्र दो सप्ताह पहले दिए गए आदेश से ठीक विपरीत था.

जब इस मामले में बात करने के लिए सेटलमेंट कमीशन के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद से संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि इस आदेश को पास हुए पांच साल से अधिक का समय हो गया है. यह काफी पहले का है और मुझे इसके ब्योरे के बारे में जानकारी नहीं है. इसी कमीशन ने अंतिम आदेश को पास किया था. एलेजेनी की रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास की गई फाइलिंग में बीपीएसएल को लोन के भुगतान का जिक्र नहीं है.