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ओबीसी के कल्याण के लिए बजट आवंटन में 41 प्रतिशत बढ़ोतरी

एससी और ओबीसी के छात्रों की नि:शुल्क कोचिंग के लिए इनकम एलिजिबिलिटी साढ़े चार लाख रुपए से बढ़ा कर छह लाख रुपए कर दी गई है

FP Staff

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि केंद्र ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस वर्ग के लिए बजट में 41 प्रतिशत आवंटन बढ़ा दिया है.

मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में 12.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. वर्ष 2017-18 में 6,908 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे और यह राशि 2018-19 में बढ़ाकर 7,750 करोड़ रुपए कर दी गई.


गहलोत ने कहा कि ओबीसी के कल्याण के लिए आवंटन में 41.03 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए वर्ष 2018-19 में 1,747 करोड़ रुपए आवंटित किए गए जबकि वर्ष 2017-18 में 1,237.30 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे.

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा वर्ष 2017-18 की तुलना में वर्ष 2018-19 में योजनाओं के लिए बजट में 11.57 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई.’

शुरू की जाएगी नई उद्यम पूंजी निधि

अनुसूचित जातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि की तर्ज पर ओबीसी के लिए एक नई उद्यम पूंजी निधि 200 करोड़ रुपए के शुरुआती कोष के साथ शुरू की जाएगी. इसके लिए वर्ष 2018-19 में 140 करोड़ रुपए की राशि निश्चित की गई है.

ओबीसी के लिए मैट्रिक से पहले दी जाने वाली स्कॉलरशिप के लिए इनकम एलिजिबिलिटी 44,500 रुपए सालाना से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए प्रति वर्ष कर दी गई है. एससी के लिए यह एलिजिबिलिटी दो लाख रुपए से बढ़ा कर ढाई लाख रुपए कर दी गई है.

गहलोत ने कहा, ‘एससी और ओबीसी के छात्रों की नि:शुल्क कोचिंग के लिए इनकम एलिजिबिलिटी साढ़े चार लाख रुपए से बढ़ा कर छह लाख रुपए कर दी गई है.’