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PM के खेमे से नोटबंदी को लागू करने के तरीके पर उठने लगे सवाल, कहा- 2000 नोट लाने का क्‍या मतलब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 से देश में बड़े मूल्य के पुराने 1000 और 500 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इसकी जगह पर 2,000 और 500 रुपए के नए नोट जारी किए गए

FP Staff

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि का कहना है कि नोटबंदी के बाद देश में टैक्स कम्प्लायंस बेहतर हुआ है. हालांकि इसका बुरा पक्ष यह रहा कि नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया को और बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता था. रवि ब्रूकिंग्स इंडिया में वरिष्ठ फेलो भी हैं. उन्होंने कहा कि टैक्स को और अधिक युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है ताकि टैक्स कम्प्लायंस के बोझ को और कम किया जा सके.

उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी को लागू करने का तरीका निश्चित ही सवाल उठाने लायक है. जैसे कि हम 2,000 रुपये का नोट लाए. यह अपने ही आप में ही इस तर्क को खारिज कर देता है कि बड़े मूल्य के नोट हटाए जाने हैं. लेकिन क्या आपने यह गौर किया कि (नोटबंदी के बाद) टैक्स कम्प्लायंस बढ़ा है? आपको क्या लगता है कि यह क्यों हुआ होगा?’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 से देश में बड़े मूल्य के पुराने 1000 और 500 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इसकी जगह पर 2,000 और 500 रुपए के नए नोट जारी किए गए. बाद में 200 रुपये का नोट भी जारी किया गया.

भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया आंकड़ों के अनुसार आठ नवंबर 2016 को देश में 15.41 लाख करोड़ रुपये के 1,000 और 500 रुपये के पुराने नोट चलन में थे जिसमें से 15.31 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए.