पाकिस्तानी मूल के लेखक, चिंतक और विश्लेषक तारिक फतेह ने कलकत्ता क्लब में अपना सेमिनार रद्द किए जाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की कड़ी आलोचना की है.
तारिक फतेह ने फ़र्स्टपोस्ट के जरिए अपनी बात कही है. उन्होंने कहा कि ममता सरकार के इशारे पर कलकत्ता क्लब ने उनका सेमिनार रद्द करने का निर्णय लिया.
उन्होंने कहा कि ममता सरकार अपने मुस्लिम वोटबैंक को खुश करने की खातिर नहीं चाहती थी कि वो पश्चिम बंगाल की धरती पर आकर बलूचिस्तान विषय पर सेमिनार करें.
फतेह ने बंगाल की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि वामपंथी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस गरीबों की राजनीति करने का मात्र दिखावा करती हैं. जबकि असलियत में उनके नेता ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं.
कलकत्ता क्लब में 7 जनवरी को ‘द सागा ऑफ बलूचिस्तान’ विषय पर सेमिनार आयोजित होना था. जिसमें तारिक फतेह समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व सैन्य अधिकारी जनरल जी डी बख्शी, कश्मीरी मूल के पंडित सुशील पंडित को हिस्सा लेना था. लेकिन 4 जनवरी को कलकत्ता क्लब ने तारेक फतेह को मेल भेजकर सेमिनार रद्द घोषित करने की सूचना दी. तारिक फतेह ने खुद इस बात की जानकारी ट्वीट कर शेयर की.