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तमिलनाडु: वेदांता की स्टरलाइट यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन में 8 लोगों की मौत, 30 घायल

प्रदर्शकारियों का आरोप है कि इलाके में स्टरलाइट प्लांट की वजह से पानी दूषित हो रहा है

FP Staff

तमिलनाडु में पिछले कई महीनों से स्थानीय लोगों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. ये लोग वेदांता के स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद करने की डिमांड कर रहे हैं. मंगलवार को इस विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में 30 लोग घायल हुए हैं और 8 लोगों की मौत हुई है.

तमिलनाडु के डीजीपी टी के राजेंद्रन ने कहा, 'तूतीकोरीन के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम कोशिश कर रहे हैं कि हालात पर काबू पाया जा सके. फायरिंग की वजह से अगर किसी की मौत हुई है तो हम जांच करेंगे.'


प्रदर्शनकारियों को जब स्टरलाइट प्लांट की तरफ जाने से रोका गया तो वे पुलिस की गाड़ियों पर पत्थर फेंकने लगे. प्रदर्शनकारी कलेक्टर ऑफिस का घेराव करने की भी कोशिश कर रहे थे.

भीड़ को तितरबितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा. कलेक्टर ऑफिस के अहाते में खड़ी गाड़ियों में गुस्साए भीड़ ने आग लगा दी. भीड़ काबू से बाहर होने की वजह से पुलिस ने अतिरिक्त बल मंगाए. आसपास के जिलों से करीब 2000 से ज्यादा पुलिस बल तूतीकोरीन पहुंचे ताकि हालात पर काबू पाया जा सके.

क्या है विरोध की वजह?

स्थानीय लोग पिछले काफी समय से स्टरलाइट प्लांट के विस्तार का विरोध कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्लांट की वजह से इलाके का पानी दूषित हो गया है. पुलिस का कहना है कि मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश पर प्लांट के आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई. डीएमके ने राज्य सरकार एआईएडीएमके को इसके लिए जिम्मेदार माना है.

तमिलनाडु के सीएम ने ऐलान किया कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को 10-10 लाख रुपए और घायलों को 3 लाख रुपए दिए जाएंगे. साथ ही इस घटना की जांच के लिए एक कमीशन बनाया जाएगा.

डीएमके के वर्किंग प्रेसिडेंट एम के स्टालिन ने कहा, 'मैं कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जा रहा हूं. तूतीकोरीन में हुई झड़प की वजह से मैंने यह फैसला किया है.'