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TN: जज की कार ओवरटेक करने पर वकील दंपति का लाइसेंस कैंसिल

बार काउंसिल ने आरोपी वकील दंपति को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है

FP Staff

मद्रास हाईकोर्ट के जज की कार और उनके ड्राइवर से भिड़ना एक वकील दंपति को महंगा पड़ गया. तमिलनाडु बार काउसिंल ने वकील दंपति का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है. काउंसिल के अनुसार दोनों ने पेशेवर दुर्व्यवहार किया है.

आदेश में कहा गया कि, 'जनता में माननीय जजों और न्यायपालिका का विश्वास बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप दोनों को अंतरिम तौर पर प्रैक्टिस करने से रोकते हुए निलंबित कर दिया जाए.' बार काउंसिल की ओर से यह भी कहा गया है कि 'भारतीय सीमा के भीतर वकील दंपति अगले आदेश तक किसी कोर्ट, ट्रिब्यूनल या अर्ध न्यायिक ट्रिब्युनल में प्रैक्टिस नहीं कर सकता.'


बार काउंसिल ने आरोपी वकील दंपति को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है. इसकी जानकारी मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी दे दी गई है. बार काउंसिल की ओर से कहा गया है 'इस आदेश को रिसीव करने की तारीख से 15 दिन के भीतर यदि उपयुक्त जवाब नहीं दिया गया तो इस मामले को एडवोकेट्स एक्ट 1961 की धारा 42 के तहत इन्क्वायरी के लिए अनुशास्नात्मक समिति को भेज दिया जाएगा.'

शिकायत के मुताबिक, 30 जुलाई को वकील थिरूमति एल शिखा सरमदन और उनके पति एस सहुल हमीद कार से जा रहे थे. गाड़ी हमीद चला रहे थे. यह दोनों ही पेशे से वकील हैं. इस दौरान हमीद ने कथित तौर पर हाईकोर्ट के जज की कार को ओवरटेक किया और उनकी गाड़ी के आगे अपनी कार रोक कर ड्राइवर को डांटा. शिकायत में कहा गया है कि घटना के 3 दिन बाद वकील दंपति जज के आधिकारिक निवास पर थे और वहां भी वो ड्राइवर से फिर उलझ पड़े.

वकील दंपति को भेजे नोटिस में बार काउंसिल ने जवाब मांगते हुए कहा है, 'मद्रास हाईकोर्ट के माननीय जज के पीएसओ द्वारा दी गई 4.8.2018 की शिकायत में निर्धारित आप दोनों का आचरण न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि पहली नजर में यह पूरी तरह से पेशेवर दुर्व्यवहार का आचरण है.'

(न्यूज़18 के लिए उत्कर्ष आनंद की रिपोर्ट)