73 दिनों से लगातार अस्पताल में भर्ती जयललिता के करीबियों को शाम 7 बजे ही हालात बिगड़ने का एहसास हो गया था. 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही लगातार वो डॉक्टरों की निगरानी में थीं.
सितंबर 22, 2016: शरीर में पानी की कमी और बुखार की शिकायत के बाद अपोलो अस्पताल भर्ती.
अक्टूबर 02, 2016: अपोलो अस्पताल ने लंदन के डॉक्टर रिचर्ड बेल की सलाह पर जयललिता को एंटीबॉयोटिक डोज दिया. डॉ. बेल, लंदन के गॉय्स एंड सेंट थॉमस अस्पताल के नामी डॉक्टर हैं.
नवंबर 03, 2016: अपोलो अस्पताल के चेयरमैन प्रताप सी. रेड्डी ने उनके स्वास्थ्य में सुधार की खुशखबरी दी. रेड्डी ने बताया कि जयललिता अपने होश में वापस आ रही हैं.
नवंबर 13, 2016: एक लिखित संदेश में जयललिता ने कहा कि वो काम पर लौटने को आतुर हैं.
नवंबर 19, 2016: प्रताप रेड्डी ने बताया कि बिना वेंटीलेटर के भी जयललिता बेहतर महसूस कर रही हैं.
दिसंबर 4, 2016: जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री जल्दी ही अपने घर वापस आएंगी.
दिसंबर 4, 2016: जयललिता को दिल का दौरा पड़ा. उनके करीबियों को शाम 7 बजे ही इस बात का एहसास हो गया कि हालात बिगड़ चुकी है.