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स्टरलाइट प्लांट दोबारा खोलने के NGT के आदेश पर SC का रोक से इनकार

जस्टिस आर.एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्टरलाइट प्लांट दोबारा खोलने संबंधी राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अपील पर वेदांता से जवाब मांगा है

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता के स्टरलाइट कॉपर संयंत्र (प्लांट) को बंद करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को रद्द करने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

सोमवार को जस्टिस आर.एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्टरलाइट प्लांट दोबारा खोलने संबंधी हरित अधिकरण के आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अपील पर वेदांता से जवाब मांगा है.


राज्य सरकार ने अधिकरण के आदेश को त्रुटिपूर्ण (गलत) बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. राज्य सरकार का कहना है कि अधिकरण ने स्टरलाइट संयंत्र के बारे में तमिलनाडु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तमाम आदेश त्रुटिपूर्ण तरीके से रद्द किए हैं.

अपील में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप अब अधिकरण ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सहमति के नवीनीकरण के बारे में नए आदेश पारित करने और वेदांता लिमिटेड को खतरनाक पदार्थों के उपयोग के बारे में अधिकृत करने के आदेश दे.

एनजीटी ने पिछले साल 15 दिसंबर को स्टरलाइट प्लांट बंद करने का राज्य सरकार का आदेश रद्द करते हुए कहा था कि यह अनुचित था.

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में भड़की हिंसा में पुलिस की फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी

मार्च 2013 में प्लांट में गैस लीकेज से 1 शख्स की मौत हुई थी

स्टरलाइट प्लांट मार्च 2013 में तब सुर्खियों में आ गया था जब उसमें गैस लीक होने से एक शख्स की मौत हो गई थी और कई अन्य बीमार हुए थे. इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने प्लांट को बंद करने के आदेश दिए थे.

वेदांता कंपनी ने एनजीटी में अपील की थी जिसने सरकार का आदेश पलट दिया था. इसके बाद राज्य सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. कोर्ट ने पर्यावरण को दूषित करने के लिए कंपनी को 100 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया था.

स्टरलाइट ने तूतीकोरिन प्लांट का विस्तार करने की योजना की जैसे ही घोषणा की. उसके बाद आसपास के गांववालों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए और 100 दिन तक विरोध-प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनों ने 22 मई, 2018 को हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए थे.

भारी विरोध-प्रदर्शनों और पुलिस की गोलीबारी के बाद प्लांट को 27 मार्च, 2018 को फिर बंद कर दिया गया था.

(भाषा से इनपुट)