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तमिलनाडु में बस किराया बढ़ाने के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

कोयंबटूर, तिरुचि और तिरुवरूर में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन की खबर है. शूलागिरी में बस स्टैंड के सामने विरोधियों ने जमकर हंगामा किया

FP Staff

तमिलनाडु में अचानक बसों का किराया बढ़ाए जाने से लोगों में रोष है. सरकार के इस फैसले के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. कोयंबटूर, तिरुचि और तिरुवरूर में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन की खबरे हैं. शूलागिरी में बस स्टैंड के सामने विरोधियों ने जमकर हंगामा किया और फौरन किराया बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की.

न्यूज18 से बातचीत में एक दिहाड़ी मजदूर ने बताया कि किराया बढ़ोतरी से जीना मुहाल हो गया है. एक मुसाफिर ने बताया, अभी हाल में बस हड़ताल के दौरान हमें परेशान होना पड़ा क्योंकि बसें नहीं चलने से प्राइवेट गाड़ियां लेनी होती थीं जो मनमाना किराया वसूलते थे. अब बस किराया बढ़ाए जाने के बाद परेशानी और बढ़ जाएगी. हम सीएम से अनुरोध करते हैं कि वे फौरन बढ़ा किराया वापस लें. हम दोगुना किराया नहीं चुका सकते.


पार्टियां भी विरोध में

आम लोगों के अलावा राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने भी विरोध प्रदर्शन का मूड बना लिया है.

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, बीजेपी और डीएमके के नेताओं ने रविवार को सड़कों पर उतरने का फैसला किया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन ने कहा, 'बिना किसी नोटिफिकेशन के बस किराया बढ़ाया गया है जिससे लोगों को परेशान हो रही है. संबंधित मंत्री को किरायों की समीक्षा करनी चाहिए थी.'

जबकि डीएमके के कार्यवाही अध्यक्ष एमके स्टालिन ने किराया बढ़ोतरी का ठीकरा पलानिसामी सरकार पर फोड़ा और उसे 'पीड़ा देने वाली' सरकार करार दिया. स्टालिन ने कहा, आम लोगों पर एक साल में 3,600 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ाना नामंजूर है और यह लोगों पर बिजली गिरने जैसी घटना है.

एआईएडीएमके सरकार के इस जनविरोधी कदम का हम घोर विरोध करते हैं.

दूसरी ओर पीएमके ने भी किराया बढ़ोतरी के खिलाफ 25 जनवरी को सड़क पर उतरने का फैसला किया है. पीएमके सुप्रीमो रामदॉस ने कहा, ओमनी बस ऑपरेटर पहले से ही ज्यादा किराया वसूल रहे हैं. अब और किराया बढ़ा सकते हैं. यह एकतरह से निजी ऑपरेटरों को फायदा देने की साजिश है.

एआईएडीएमके नेता और आरके नगर से विधायक टीटीवी दिनाकरण ने किराया बढ़ोतरी का विरोध किया है. उन्होंने रिपोर्टरों से कहा, लोग इसे मंजूर नहीं करेंगे. सरकार को किराया बढ़ाने का फैसला वापस लेना चाहिए.

सीपीएम के प्रदेश अध्यक्ष जी रामगोपालकृष्णन ने कहा, बस किराया बढ़ोतरी के खिलाफ हमारी पार्टी समूचे तमिलनाडु में 22 जनवरी को धरना-प्रदर्शन करेगी. फैसला फौरन वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, सरकार ने किराया बढ़ोतरी के लिए एक कमेटी बनाने की बात कही थी जो बनी नहीं. ऐसा कर सरकार ने लोगों के साथ धोखा किया है.

किराया और मुआवजा दोनों बढ़ा

तमिलनाडु सरकार ने अभी हाल में सरकारी बसों का किराया बढ़ाया था. इसके अलावा दुर्घटना की सूरत में मुआवजे और रोकथाम के लिए मौजूदा फंड को भी बढ़ाने का फैसला लिया गया. एक पैनल बनाया गया है जो भविष्य में किसी प्रकार की किराया बढ़ोतरी पर अपनी राय देगा.

एक आधिकारिक प्रेस रिलीज के मुताबिक, बसों की हर कैटगरी का किराया बढ़ाया गया है जिसमें मुफसिल, सिटी, ऑर्डिनरी, एक्सप्रेस, डिलक्स, बाईपास-नॉनस्टॉप, अल्ट्रा डिलक्स, एयर कंडिशन और वॉल्वो बसें शामिल हैं.

सबसे कम किराया मुफसिल बसों का है जिसमें 10 किमी तक 6 रुपए चुकाने होंगे. पहले यह 5 रुपए था. सबसे ज्यादा वॉल्वो बसों में बढ़ोतरी हुई है जहां 30 किमी के लिए पहले जहां 33 रुपए देने होते थे, अब 51 रुपए चुकाने होंगे.

नगर बसों में न्यूनतम बढ़ोतरी 3 से 5 रुपए की हुई है तो अधिकतम 12 से 19 रुपए किया गया है.