गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के निष्कासित नेता विनय तमांग ने रविवार को आरोप लगाया कि उन्हें जान की धमकी मिल रही है और उन्होंने पार्टी प्रमुख बिमल गुरुंग को छिपने की जगह से बाहर आने और दार्जिलिंग लौटने की चुनौती दी.
तमांग ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को रविवार को पत्र लिखकर उनसे दार्जिलिंग संकट का समाधान ढूंढने का अनुरोध किया. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मुझे पिछले कुछ दिनों से जान की धमकी मिल रही है. मैं महसूस करता हूं कि मेरा भी मदन तमांग जैसा हश्र होगा.' मदन तमांग की साल 2010 में हत्या कर दी गई थी.
तमांग ने कहा, 'बिमल गुरुंग और रौशन गिरि होते कौन हैं मुझे पार्टी से निकालने वाले? मैं पार्टी का संस्थापक सदस्य हूं.' उन्होंने कहा, 'कहीं छिपकर भाषण देना बड़ा आसान है. यदि बिमल गुरुंग और रौशल गिरि में साहस है तो उन्हें पहाड़ पर लौटना चाहिए.' उन्होंने आरोप लगाया कि जीजेएम महासचिव रौशन गिरि अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए गुरुंग को गुमराह कर रहे हैं.
तमांग ने कहा , 'उन्होंने मुझपर राज्य सरकार के हाथों खेलने का आरोप लगाया. लेकिन अब वो भी 12 सितंबर को राज्य सरकार के साथ वार्ता की मेज़ पर बैठने को तैयार हैं. तब मैंने क्या गलत किया. बंद को स्थगित करने की घोषणा करने से पहले मैंने बिमल गुरुंग से फोन पर इजाज़त ली थी. ये बिल्कुल झूठ है कि मैंने कोई इजाज़त नहीं ली.' दार्जिलिंग में रविवार को अनिश्चितकालीन बंद का 81वां दिन है.
तमांग ने कहा, 'लोग बंद के चलते ढेरों परेशानियां झेल रहे हैं. हमें लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करना चाहिए और हड़ताल वापस ले लेना चाहिए.' पहाड़ों पर बंद जारी है क्योंकि गुरुंग ने उसे 12 सितंबर तक स्थगित करने के पार्टी संयोजक तमांग के फैसले को पलट दिया. पश्चिम बंगाल सरकार के साथ जीजेएम की अगली दौर की वार्ता 12 सितंबर को ही होनी है.
जीजेएम प्रमुख ने तमांग को शुक्रवार को पार्टी लाइन का उल्लंघन करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर निष्कासित कर दिया था.