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स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप: स्वच्छ भारत मिशन को जनआंदोलन बनाने में कामयाब हो पाएगी सरकार?

मोदी ने पांच साल बाद यानी 2 अक्टूबर 2019 तक हर घर में शौचालय बनवाने का लक्ष्य रखा था. 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के मौके पर इस लक्ष्य को पूरा करने में सरकार लगी हुई है

Amitesh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल महीने की आखिरी रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ भारत मिशन के तहत समर इंटर्नशिप का जिक्र किया तो इसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए अबतक के कामों में जनजागृति लाने का सबसे कारगर हथियार माना गया. 29 अप्रैल को मोदी ने स्वच्छता मिशन को नई धार देने के लिए अपने-आप में अनोखे पहल का ऐलान किया था, जिसके तहत इस साल गर्मी की छुट्टियों के दौरान देश भर में सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को स्वच्छता अभियान को लेकर इंटर्नशिप करने का आह्वान किया गया है.

क्या है स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप ?


स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप देश भर में युवाओं को गर्मी की छुट्टियों के दौरान स्वच्छता से जुड़े हुए मामलों में जागरूक करने का बड़ा हथियार है. 1 मई से 31 जुलाई तक यानी पूरे तीन महीने में युवा 100 घंटे तक समर इंटर्नशिप के दौरान स्वच्छता के लिए अपनी सेवा दे सकते हैं. इस प्रोग्राम का मकसद देश भर में युवाओं को स्वच्छता से जुड़े हुए सभी काम करने का हुनर और ग्रामीण स्तर पर विकास में अपना योगदान देने के लिए तैयार करना है.

क्या है इसमें रजिस्ट्रेशन का तरीका

समर इंटर्नशिप सरकार के तीन मंत्रालयों मानव संसाधन विकास मंत्रालय, खेल और युवा मामलों के मंत्रालय और पेयजल और सेनिटेशन मंत्रालय के सहयोग से चलाया जा रहा है. इंटर्नशिप के लिए सबसे पहले किसी भी उम्मीदवार को ऑनलाइनट रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके लिए सबसे पहले  http://SBSI.mygov.in के माध्यम से ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. देश भर में कॉलेज और यूनिवर्सिटी का कोई भी छात्र जो इंटर्नशिप करना चाहता है  इसमें अप्लाई कर सकता है. हालांकि उस छात्र को उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी का इलाका या फिर अपने मूल गांव जहां उसका स्थायी आवास है, वहां का इलाका अपने काम के लिए चुनना पड़ता है. इंटर्नशिप करने वाले छात्रों के लिए सुविधा है कि वो चाहें तो अकेले या फिर समूह में भी स्वच्छता मिशन में भाग ले सकते हैं. लेकिन, समूह में एक साथ अधिकतम 10 छात्र ही भाग ले सकेंगे.

इंटर्नशिप के लिए हर इंस्टीट्यूशन (यूनिवर्सिटी या कॉलेज) में एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की गई है, जिसकी सहमति के बाद ही इंटर्नशिप के लिए छात्रों के रजिस्ट्रेशन को स्वीकार किया जाएगा. फिलहाल  रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो चुका है और 15 मई तक रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है.

रजिस्ट्रेशन का काम पूरा होने के बाद छात्र अपने इलाके में जाकर स्वच्छता के कामों में लग जाएंगे. काम पूरा होने के बाद छात्रों को अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट काम पूरा होने के 15 दिन के भीतर ऑनलाइन ही जमा करानी होगी. इसके बाद ऑनलाइन रिपोर्ट को नोडल ऑफिसर रिव्यू करने के बाद फिर एप्रूव करेंगे.

क्या है इंटर्नशिप का मकसद ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद संभालने के कुछ ही महीने बाद 2 अक्टूबर 2014 को देश भर में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी. उस वक्त उनकी तरफ से देश भर में हर घर में शौचालय बनाने और हर गांव में सफाई के काम को जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया.

मोदी ने पांच साल बाद यानी 2 अक्टूबर 2019 तक हर घर में शौचालय बनवाने का लक्ष्य रखा था. 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के मौके पर इस लक्ष्य को पूरा करने में सरकार लगी हुई है.

सरकार की मुहिम काफी हद तक सफल रही है. आंकडों के हिसाब से देखें तो 2 अक्टूबर 2014 के बाद अप्रैल 2018 तक 3.45 लाख गांव, 363 जिले, 11 राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेश में ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) हो चुके हैं.

लेकिन, अब बचे हुए करीब डेढ़ साल में इस काम को पूरा करना हैं. लिहाजा सरकार की तरफ से जनआंदोलन के तहत अब युवाओं को बड़े स्तर पर शामिल करने की तैयारी हो रही है.

मानव संसाधन मंत्रालय के सूत्र के मुताबिक, समर इंटर्नशिप के दौरान युवाओं को अधिक से अधिक तादाद में जोड़ने के लिए कई तरह के अभियान भी चलाए जा रहे हैं.

दरअसल, लोगों के भीतर जागरूकता की कमी के चलते ही अब तक खुले में शौच की उनकी आदत खत्म नहीं हुई है. एक तो गरीबी और संसाधनों का नहीं होना और दूसरा पुरानी परंपरा और आदत लोगों को शौचालय के लिए प्रेरित नहीं कर पाती हैं. समर इंटर्नशिप के दौरान युवाओं की तरफ से भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी होगा. इस दौरान लोगों को घर के भीतर शौचालय होने के फायदों के बारे में बताया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने लगातार अलग-अलग मंचों से शौचालय होने के चलते बेहतर स्वास्थ्य और स्वास्थ्य को लेकर किए जाने वाले खर्च का जिक्र किया है. इंटर्ऩशिप के दौरान छात्र बताने की कोशिश करेंगे कि कैसे शौचालय होने से स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च में कितनी बचत होती है. इस दौरान कोशिश होगी लोगों को सहजता से समझाकर उन्हें जागरूक करना.

इंटर्नशिप का फायदा छात्रों को मिलेगा

अब तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत पहले भी यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैंपस में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं. इसमें छात्रों की भागीदारी भी बहुत रहती है. लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है कि छात्रों को इतने बड़े स्तर पर इसमें शामिल किया जा रहा है.

मानव संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फर्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान कहा कि ‘पहले भी स्वच्छ विद्दालय, स्वच्छ कैंपस अभियान चलता रहा है, लेकिन, पहली बार  ऐसा हो रहा है कि इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाए. अधिक तादाद में युवाओं को इसमें शामिल करने के मकसद से ही पुरस्कार राशि, सर्टिफिकेट और दो अंक दिए जाने का फैसला किया गया है. ’

अधिकारी ने हालांकि अभी शुरुआती दिनों में रजिस्ट्रेशन की तादाद को लेकर कुछ खुलासा नहीं किया लेकिन, उम्मीद जताई कि इस बार छात्रों को मिलने वाली पहचान, पुरस्कार और प्वांइंट्स के चलते उनके अधिक तादाद में इंटर्नशिप से जुड़ने की उम्मीद है.

इंटर्नशिप के दौरान कॉलेज स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वालों को शिल्ड और सर्टिफिकेट दिया जाएगा. जबकि, यूनिवर्सिटी स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र या उस टीम को सर्टिफिकेट के अलावा पुरस्कार की राशि भी दी जाएगी. यह राशि टॉप तीन को तीस हजार, बीस हजार और दस हजार रुपए के तौर पर दी जाएगी.

राज्य स्तर पर बेहतर करने वाले तीन छात्र या उस टीम को सर्टिफिकेट के अलावा पुरस्कार राशि पचास हजार, तीस हजार और बीस हजार की होगी. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह राशि दो लाख, एक लाख और पचास हजार रुपए तक की होगी.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से हर स्तर पर एक कमिटी की नियुक्ति की जा रही है जो पुरस्कार पाने वाले विजेताओं का फैसला करेगी. इस कमिटी का फैसला ही आखिरी फैसला माना जाएगा.

लेकिन, छात्रों के लिए यूजीसी की तरफ से दिया जाने वाले दो अंक सबसे महत्वपूर्ण होंगे. छात्रों के भीतर इसके चलते स्वच्छता अभियान से जुड़ने की ललक भी बढ़ेगी और युवा पीढ़ी को इस अभियान से जोड़कर स्वच्छ भारत मिशन को जनआंदोलन बनाने का सरकार का मकसद सफल हो पाएगा.