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अगर सुषमा ने नहीं किए होते 60 कॉल तो ICJ में न होती भंडारी की जीत

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारतीय जज दलवीर भंडारी की जीत ने सभी चौंका दिया. लेकिन उनकी इस कमाल की जीत के पीछे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बड़ा हाथ है

FP Staff

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारतीय जज दलवीर भंडारी की जीत ने सभी चौंका दिया. लेकिन उनकी इस कमाल की जीत के पीछे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बड़ा हाथ है. सूत्रों के मुताबिक भंडारी की जीत के लिए भारत जून से ही प्रयास कर रहा था. भंडारी की जिताने के लिए सुषमा स्वराज ने करीब 60 देशों के अपने समकक्षों से फोन बात की थी.

भंडारी के दोबारा आईसीजे में चुने जाने को लेकर सुषमा खुद अपने स्तर पर एक्टिव रहीं. उनके साथ विदेश सचिव एस. जयशंकर ने भी दुनिया भर के नेताओं का समर्थन हासिल करने का पूरा प्रयास किया. अगले दौर की वोटिंग से पहले एस. जयशंकर ने सुषमा के नेतृत्व में कई देशों से संपर्क किया था. उनके साथ ही विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर भी भारत की सीट पक्की करने के लिए जुटे हुए थे.


यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आईसीजे में भारतीय जज दलवीर भंडारी के पुन: निर्वाचन का श्रेय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय को दिया. उन्होंने ‘भारत में विश्वास और समर्थन के लिए’ संयुक्त राष्ट्र महासभा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता जताई. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय तथा दूतावासों में उनकी पूरी टीम को उनके अथक परिश्रम के लिए बधाई, जिसके कारण भारत आईसीजे में पुन:निर्वाचित हुआ है.’

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भंडारी को 193 में से 183 वोट मिले जबकि सुरक्षा परिषद् में सभी 15 मत भारत के पक्ष में गए. इस चुनाव के लिए न्यूयॉर्क स्थित संगठन के मुख्यालय में अलग से मतदान करवाया गया था. इस दौर के मतदान से पहले ब्रिटेन द्वारा बड़े ही आश्चर्यजनक तरीके से अपने प्रत्याशी वापस लिए जाने के कारण हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए भंडारी का पुन:निर्वाचन संभव हो सका है.

आईसीजे में अपने पुन:निर्वाचन के लिए भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच कांटे की टक्कर थी. आपको बता दें कि 1946 में आईसीजे की स्थापना के बाद ये पहली बार होगा जब यूएन के सबसे पावरफुल कोर्ट में ब्रिटेन का जज नहीं होगा.