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डोकलाम विवाद: सुषमा की दो टूक- सेना हटाए चीन

सुषमा स्वराज ने संसद में कहा कि चीन भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है

IANS

भारत ने गुरुवार को चीन से कहा कि अगर वह चाहता है कि भारत डोकलाम से अपने सैनिकों को हटा ले, तो चीन को भी अपने सैनिकों को भूटान-चीन सीमा से हटाना होगा.

करीब महीने भर से चल रहे गतिरोध पर पहली बार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विस्तार से देश का पक्ष रखा है. उन्होंने चीन पर एकतरफा भूटान से लगी सीमा पर यथास्थिति बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया.


उन्होंने राज्यसभा में कहा, 'इसी वजह से भारत-चीन सीमा पार गतिरोध बढ़ा है.'

सुषमा ने कहा कि चीन कह रहा है कि भारत को बातचीत शुरू करने के लिए डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए, जबकि हम कह रहे हैं कि यदि संवाद होना है तो दोनों को अपने सैनिकों को हटाना चाहिए.'

'हमारी सुरक्षा को चुनौती दे रहा चीन'

उन्होंने कहा, 'चीन की कार्रवाई हमारी सुरक्षा को चुनौती है. भारत कुछ भी अनुचित नहीं कर रहा है.'

यह गतिरोध करीब एक महीने पहले शुरू हुआ जब भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को भारत, भूटान और चीन तिराहे (ट्राईजंक्शन) पर सड़क निर्माण करने से रोका.

इससे चीन-भारत के समझौतों पर गंभीर असर पड़ा है. साथ ही चीनी विशेषज्ञों ने भारत के नहीं हटने पर युद्ध की धमकी दी है.

उन्होंने कहा, 'कई देश हमारे साथ हैं. उनका मानना है कि चीन भूटान जैसे एक छोटे देश के साथ आक्रामकता दिखा रहा है. भूटान ने विरोध किया है, उसने लिखित विरोध भी किया है. सभी देश मानते हैं कि भारत अपनी जगह सही है और कानून हमारे साथ है.'

'काफी वक्त से तिराहे के पास पहुंचना चाह रहा है चीन'

स्वराज ने कहा, 'पिछले कुछ सालों में चीन तिराहे के करीब से करीब तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. यह सड़कों की मरम्मत, उन्हें बनाने और इसी तरह की दूसरी चीजों के जरिए हो रहा है.'

सुषमा ने कहा, 'इस बार वे बुल्डोजर और निर्माण उपकरणों के साथ उस इलाके के उल्लंघन के मकसद से आए थे, जहां तिराहा खत्म होता है. यह हमारी सुरक्षा के लिए खतरा है.'

चीन के वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) परियोजना पर सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत ने शुरुआत से ही इसका विरोध किया है.

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कोरिडोर का जिक्र करते हुए सुषमा ने कहा, 'जैसे ही हमें पता चला कि वे ओबीओआर के हिस्से के तौर पर सीपीईसी बन रहा है, हमने अपना विरोध दर्ज कराया.'