मोदी सरकार का एक और सर्जिकल स्ट्राइक. लेकिन इस बार निशाने पर आतंकवादी कैंप नहीं बल्कि, निशाना कालेधन पर लगा है.
देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोटों पर बैन लगाने की घोषणा कर कालाधन रखने वालों के मंसूबों पर बड़ा प्रहार कर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘भ्रष्टाचार और कालाधन एक गंभीर बीमारी है. गरीबी हटाने में कालाधन सबसे बड़ी बाधा है.’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अपनी सरकार के उस प्रयास का जिक्र भी किया, जिसके तहत सवा लाख करोड़ रुपए का कालाधन बाहर लाया गया है.
हालांकि मोदी सरकार के बनने के तुरंत बाद एसआईटी बनाकर कालेधन की दिशा में ठोस प्रयास करने की शुरूआत जरूर हुई थी. लेकिन विपक्ष पहले से ही सरकार को इस मुद्दे पर घेरता रहा है.
विपक्ष खासतौर से हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए आने को लेकर सरकार से सवाल पूछता है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे चुनावी जुमला बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश जरूर की थी. लेकिन, ये जुमला सरकार के गले की हड्डी बन गया.
अब कालाधन पर इस ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के बाद सरकार की तरफ से संदेश देने की कोशिश हो रही है कि वो कितनी गंभीर है.
500 और 1000 रुपए के नोट को लेकर सवाल पहले भी उठते रहे हैं. खासतौर से इन नोटों के जाली होने का शक कई बार हो चुका है.
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर भारत में जाली नोटों के कारोबार में शामिल होने के आरोप कई बार लग चुके हैं.
यूपी चुनाव में पैसों का खेल
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भी जाली नोटों के आतंक के जाल का जिक्र किया. प्रधानमंत्री का इशारा साफ था कि कालेधन से लेकर जाली नोटों की तस्करी तक सब पर रोक लगेगी. सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है.
लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐतिहासिक कदम के बाद सवाल भी उठने लगे हैं. सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या मोदी सरकार के इस कदम का एक बार फिर बीजेपी सियासी फायदा उठाने की कोशिश तो नहीं करेगी.
उरी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक का यूपी में फायदा उठाने की बीजेपी कोशिश करती रही है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह हर मंच से सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सरकार की पीठ थपथपाने से नहीं चूकते.
ये बीजेपी की रणनीति का ही हिस्सा है जिसके चलते सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने पार्टी राष्ट्रवाद के मुद्दे को जिंदा रखना चाहती है.
अब कालेधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद एक बार फिर से अमित शाह ने मोदी सरकार की वाहवाही की है. अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगी.
हालाकि, कांग्रेस की तरफ से इस कदम की आलोचना की गई है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अचानक लिए गए इस फैसले पर सवाल उठाया है.
बीजेपी और विपक्ष के रवैयै को देखकर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि ये मुद्दा आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले किस तरह गरमाएगा.
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा यूपी में चल रही है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और बाकी नेताओं ने यात्रा के क्रम में अपने बयान से यूपी की सियासत को गरमा दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अगले एक महीने के भीतर यूपी में सात बड़ी रैलियां करने वाले हैं. जाहिर है मोदी की तरफ से कालेधन के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर अपनी सरकार के इस साहसिक फैसले का जिक्र तो होगा ही.
बीजेपी की कोशिश होगी आतंकवाद और कालाधन दोनों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का सियासी फायदा जमकर उठाया जाए.
सरकार का यह कदम विधानसभा चुनाव में कितना गुल खिलाएगा ये देखने वाली बात होगी. लेकिन, इतना तो तय है कि मोदी ने अपने मास्टर स्ट्रोक से भ्रष्टाचार और कालेधन के मुद्दे को बहस के केंद्र में एक बार फिर से लाकर खड़ा कर दिया है.