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सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई अयोध्या विवाद पर सुनवाई

इससे पहले 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने केस की सुनवाई 15 मई तक बढ़ा दी थी, तब कोर्ट ने कहा था क सभी पक्षों को सुनने के बाद ही इस मामले को संविधान पीठ को सौंपने के बारे में निर्णय लिया जाएगा

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने अयोध्या-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर मंगलवार को सुनवाई शुरू कर दी.

इससे पहले 27 अप्रैल को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने केस की सुनवाई 15 मई तक बढ़ा दी थी. पिछली सुनवाई में सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कहा था कि इस मामले को बड़े संवैधानिक बेंच को सौंपा जाए. रामचंद्रन ने कोर्ट से अपील की थी कि राष्ट्रीय महत्व वाले इस केस की व्यापक तौर पर स्वीकृति जरूरी है.

इस मामले में हिंदू महासभा के अधिवक्ता विष्णु शंकर ने कहा था कि यह मामला संविधान का नहीं है, सिर्फ एक संपत्ति विवाद है. इसलिए इसे लार्जर बेंच में भेजने की कोई जरूरत नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद का मामला संविधान पीठ को सौंपने से इनकार किया था. एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच से कहा था कि भूमि विवाद संविधान पीठ को सौंप दिया जाए क्योंकि यह मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह प्रथा के मुद्दे से ही ज्यादा महत्वपूर्ण है.

इस पर कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही इसे संविधान पीठ को सौंपने के बारे में निर्णय लिया जाएगा. धवन ने पीठ से कहा, ‘अयोध्या भूमि विवाद मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह प्रथा से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है और पूरा राष्ट्र इसका जवाब चाहता है.’

इस मामले को संविधान पीठ को सौंपने या न सौंपने के बारे में सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय यह बेंच जल्द ही कोई फैसला ले सकती है.