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दिवाली पर सिर्फ 2 घंटे चला पाएंगे पटाखे, जानिए SC के फैसले की अहम बातें

दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री और इसे जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है और फायरक्रैकर्स की बिक्री पर बैन लगाने से इनकार कर दिया है

FP Staff

दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री और इसे जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में लोगों की भावनाएं और प्रकृति के हालात के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है. कोर्ट ने अपने आदेश में पूरे देश में पटाखों पर बैन लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि इसके लिए कुछ शर्ते भी लगाई गई हैं.

जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया. इससे पहले 28 अगस्त को इसी पीठ ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.


आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रमुख बातें

- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि केवल उन्हीं पटाखों को बेचने की अनुमति होगी जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो. सुप्रीम कोर्ट ने सेफ और ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दी है.

- कोर्ट के फैसले के मुताबिक, ये पटाखे एक तय समय में तय किए गए एरिया में ही बेचे जाएंगे. अपने मन से आप कहीं भी पटाखों की बिक्री नहीं कर सकते.

- विशेष दिन पर पटाखों को जलाने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है. आप तय समय में ही पटाखे जला सकते हैं.

- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, दिवाली को आप सिर्फ दो घंटे के लिए ही पटाखे जला पाएंगे. इसके लिए तय समय है राम 8 से 10 बजे तक. इसके अलावा क्रिसमस और नए साल के मौके पर फायरक्रैकर्स रात 11.55 से रात 12.30 तक ही छोड़े जा सकते हैं.

- पटाखें कोई भी नहीं बेच सकता है. पटाखे बेचने के लिए आपके पास लाइसेंस होना अनिवार्य है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ऑनलाइन माध्यमों पर पटाखे नहीं बेचे जा सकेंगे. इसका मतलब हुआ कि आप ई-कॉमर्स वेबसाइटों से पटाखे नहीं खरीद पाएंगे.

- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में धार्मिक जलसों में भी पटाखे जलाने पर बैन लगा दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पटाखे से जुड़े आदेश दूसरे धर्म पर भी लागू हों.

- कोर्ट का कहना है कि हमने दिवाली के मौके पर परंपरा को देखते हुए और प्रदूषण के संकट के मद्देनजर संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है. संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकार रखने की जरूरत है.

पिछले साल 9 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था.