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मुजफ्फरपुर रेप कांड: SC का केंद्र-बिहार सरकार को नोटिस, कहा- पीड़ितों की पहचान उजागर न हो

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर रेप कांड पर गुरुवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर रेप कांड पर गुरुवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र और बिहार सरकार को नोटिस को जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी नोटिस जारी किया है. इसके अलावा कोर्ट ने मीडिया से भी पीड़ितों की पहचान उजागर न करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि नाबालिग रेप पीड़िता का इंटरव्यू न लिया जाए.

बिहार में बंद

मुजफ्फरपुर रेप कांड को लेकर गुरुवार को बिहार में बंद भी बुलाया गया है. बंद का समर्थन सीपीआई, सीपीआई-एमएल, सीपीएम, आरजेडी, एचएएम, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों और कई जनसंगठनों ने किया है. सभी बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं और बिहार सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं.

मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाओं के विरोध में गुरुवार को वामदल ने बिहार बंद का ऐलान किया है. इस बंद का समर्थन आरजेडी ने भी किया है. बिहार बंद की पूर्व संध्या पर पटना से सटे इलाकों में सैकड़ों आरजेडी समर्थकों ने मशाल जुलूस निकाला. पार्टी कार्यकर्ताओं ने मांग उठाई कि महिला उत्पीड़न और अपराध को लेकर राष्ट्रपति को संज्ञान लेना चाहिए.

सीबीआई कराएगी फॉरेंसिक जांच

सीबीआई इस मामले में गहन फॉरेंसिक जांच कराएगी. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही मुजफ्फरपुर जाकर शेल्टर होम से फॉरेंसिक नमूने इकट्ठा करेगी. अधिकारियों ने बताया कि पीड़िताओं के बयानों का इस्तेमाल कर समझने की कोशिश की जाएगी कि अपराध को कैसे अंजाम दिया गया और फिर इस ब्योरे का इस्तेमाल आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया जाएगा. सीबीआई पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के लिए मनोवैज्ञानिकों की मदद ले सकती है. कुछ पीड़िताओं की उम्र महज छह-सात साल है.

क्या है मामला

बिहार सरकार के पैसे पर चलने वाले इस एनजीओ के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर हैं. शेल्टर होम की करीब 30 लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया गया है. मुख्य आरोपियों में ब्रजेश ठाकुर का भी नाम शामिल है. सीबीआई उन डॉक्टरों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के भी बयान दर्ज करेगी और उनसे सबूत इकट्ठा करेगी जिनकी सेवाएं पुलिस ने अपनी जांच के दौरान ली थी.