सबरीमाला पुर्नविचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करने वाली है. सितंबर में सबरीमाला मु्द्दे पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अब तक लगभग 48 याचिकाएं दायर की गई हैं.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ 6 फरवरी से याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगी. मामले की सुनवाई पहले 22 जनवरी को निर्धारित की गई थी, लेकिन इसे रद्द करना पड़ा क्योंकि न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा मेडिकल अवकाश पर थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर को अपने निर्णय में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दे दी थी. मगर कोर्ट फैसले के बावजूद श्रद्धालुओं के भारी विरोध-प्रदर्शन के चलते 31 दिसंबर, 2018 तक कोई भी महिला सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी थी.
लेकिन बीते 2 जनवरी को 40 वर्ष से ज्यादा उम्र की दो महिलाएं सबको चकमा देकर मंदिर में प्रवेश करने में कामयाब रही थीं. बिंदु और कनकदुर्गा नाम की इन दो महिलाओं ने उस दिन सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर मंदिर में प्रवेश कर गर्भगृह के दर्शन किया था. इस दौरान सादे कपड़ों में पुलिस इन्हें सुरक्षा दे रही थी.
सैकड़ों साल पुराने भगवान अयप्पा के इस मंदिर में 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष उम्र तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. यह परंपरा प्राचीण समय से चली आ रही है.