view all

सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी में दाखिले और काउंसिलिंग पर लगाई रोक

कोर्ट ने आईआईटी-जेईई एडवांस परीक्षा 2017 में बोनस अंक दिए जाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए ये कहा

FP Staff

आईआईटी-जेईई एडवांस परीक्षा 2017 में बोनस अंक दिए जाने का मामला कोर्ट पहुंचने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दाखिलों और काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है.

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए. एम खानविलकर की पीठ ने निर्देश दिया है कि देश का कोई भी हाईकोर्ट आईआईटी-जेईई एडवांस के संबंध में कोई भी याचिका को स्‍वीकार नहीं करेगा.


साथ ही सभी हाईकोर्ट रजिस्‍ट्रार जनरल को शनिवार तक यह बताने के लिए कहा है कि उनके यहां आईआईटी-जेईई से संबंधित कितने मामले लंबित हैं. पीठ ने कहा है कि अगर गलत प्रश्‍नों को लेकर बोनस अंक देने पर छात्रों को समस्‍या है तो इसका जल्‍द से जल्‍द समाधान किया जाएगा.

बता दें कि छात्रा ऐश्‍वर्या अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को केंद्रीय मानव संसाधन, विकास मंत्रालय और आईआईटी मद्रास को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. वहीं इसी याचिका पर दाखिलों पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश पारित किया है.

यह है मामला

आईआईटी-जेईई एडवांस 2017 के प्रश्‍नपत्र में कुछ सवाल गलत आ गए थे. जिसके एवज में आईआईटी मद्रास ने छात्रों को बोनस के रूप में 18 अंक दे दिए.

इसके खिलाफ छात्रा ऐश्‍वर्या अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें सवाल उठाया कि जिन बच्‍चों ने उन प्रश्‍नों को हल करने की भी कोशिश नहीं की, उन्‍हें भी बोनस अंकों का लाभ मिला है. जबकि होशियार छात्रों को इसका रैंक में नुकसान हुआ है.

याचिकाकर्ता का कहना है दोबारा हो परीक्षा

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली याचिकाकर्ता ऐश्‍वर्या का कहना है कि बोनस अंक देने से छात्रों के अधिकारों का हनन हुआ है. इंस्‍टीट्यूशंस को अब दोबारा परीक्षा करानी चाहिए और दोबारा मेरिट लिस्‍ट बननी चाहिए या फिर अगले साल होने वाली परीक्षा में एक और मौका दिया जाना चाहिए.