view all

सुप्रीम कोर्ट और जस्टिस कर्णन के बीच 'इंसाफ' की जंग, जानिए कब क्या हुआ

जस्टिस कर्णन भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस खेहर समेत अन्य 7 न्यायधीशों को सुना चुके हैं सजा

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायधीश जस्टिस कर्णन को कोर्ट की अवमानना मामले में 6 महीने जेल की सजा सुनाई है. वह पहले सिटिंग जज हैं जिन्हें जेल की सजा दी गई है. कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को देश की सर्वोच्च न्यायलय की अवमानना और न्याय प्रणाली की छवि को धूमिल करने का आरोपी पाया है.

गौरतलब है कि इससे पहले जस्टिस कर्णन भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस खेहर समेत अन्य सात न्यायधीशों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उन्हें 5 साल की सजा सुना चुके हैं.


कब क्या हुआ?

- 10 मार्च को अवमानना के एक मामले में चीफ जस्टिस जी एस खेहर की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया.

-सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जस्टिस कर्णन नाराज हो गए. फिर कर्णन ने 14 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर सहित सात न्यायाधीशों को एससी एसटी एक्ट के उल्लंघन का दोषी बनाया और उनके खिलाफ इन आरोपों में  समन जारी कर दिया.

-1 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन की मानसिक जांच के लिए मेडिकल टीम भेजने का आदेश सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट 8 मई तक सौंपने का आदेश दिया था.

-4 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन सदस्यों की एक मेडिकल टीम जस्टिस कर्णन के घर पहुंची.  मगर इस जांच को गैरकानूनी बताते हुए टीम को वापस लौटा दिया गया. उन्होंने बताया कि इस तरह की जांच में गार्जियन सिग्नेचर की जरूरत होती है जो इस पर नहीं थे.

-इसके बाद जस्टिस कर्णन ने चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुना दी. इतना ही नहीं खेहर के साथ-साथ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सात अन्य न्यायाधीशों को भी यही सजा सुना.

-इसके पहले कर्णन ने 20 जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज किया था.