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स्कूलों में योग अनिवार्य करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

कोर्ट ने कहा, 'हम यह कहने वाले कोई नहीं हैं कि स्कूलों में क्या पढ़ाया जाना चाहिए'

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय योग नीति बनाने और स्कूलों में योग अनिवार्य करने की याचिका खारिज कर दी है. इस याचिका में मांग की गई थी कि देशभर में पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए योग अनिवार्य किया जाए.

जस्टिस एम बी लोकुर की अगुवाई वाली बेंच ने यह याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे पर सरकार फैसला कर सकती है.


बेंच ने कहा, 'हम यह कहने वाले कोई नहीं हैं कि स्कूलों में क्या पढ़ाया जाना चाहिए. यह हमारा काम नहीं है. हम कैसे इस पर निर्देश दे सकते हैं.' कोर्ट ने कहा कि उनके लिए इसपर फैसला करना संभव नहीं है. यह याचिका दायर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता अश्वनि कुमार उपाध्याय तथा जे सी सेठ ने दायर की थी.

कोर्ट ने कहा, 'स्कूलों में क्या पढ़ाया जाना चाहिए यह मौलिक अधिकार नहीं है.' उपाध्याय ने कोर्ट द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, एनसीईआरटी, एनसीटीई और सीबीएसई को यह निर्देश देने की मांग की थी. उनके मुताबिक ये विभाग जीवन, शिक्षा और समानता जैसे मौलिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए ‘योग और स्वास्थ्य शिक्षा’ की किताबें उपलब्ध कराए.

याचिका में कहा गया था, 'राज्य का यह कर्तव्य है कि वह सभी नागरिकों खासतौर से बच्चों और किशोरों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए.' इसमें कहा गया था कि सभी बच्चों को ‘योग और स्वास्थ्य शिक्षा’ दिए बिना स्वास्थ्य के अधिकार को सुरक्षित नहीं किया जा सकता.