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तीन तलाक पर 11 मई से सुप्रीम कोर्ट शुरू करेगा सुनवाई

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इन मामलों में अदालत के दखल का किया विरोध

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की परंपराएं मुसलमानों के लिए बहुत अहम हैं.

इन मसलों से उनकी भावनाएं जुड़ी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि 11 मई से इन परंपराओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वह सुनवाई करेगी.


मुस्लिम संगठनों ने अदालत के दखल का किया विरोध 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे मुस्लिम संगठनों ने इन मामलों में अदालत के दखल का विरोध किया. बोर्ड ने कहा कि ये परंपराएं पवित्र कुरान से आईं है. लिहाजा ये न्याय प्रणाली के दायरे में नहीं आती हैं.

कई मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक की परंपरा को चुनौती दी है. इसमें अक्सर पति एक बार में तीन बार तलाक बोलकर, फोन पर या एसएमएस से तलाक दे देते हैं.

चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि तीन तलाक जैसे मामलों से भावनाएं जुड़ी हैं.

पांच जजों की बेंच उन मुद्दे पर विचार करेगी जिनमें सुनवाई की आवश्यकता है.

गर्मियों की छुट्टियों में शनिवार और रविवार को भी बेंच करेगी सुनवाई

बेंच ने कहा, ‘अगर हमने इस पर अभी फैसला नहीं किया तो यह सालों साल और कई दशकों तक खत्म नहीं होगा.’ बेंच ने कहा कि 11 मई से शुरू हो रही गर्मियों की छुट्टियों में वे शनिवार और रविवार को भी इस मामले में सुनवाई के लिए तैयार है.

तीन तलाक मामले के साथ बेंच ने आधार और व्हाट्सएप के मुद्दे को भी इसमे शामिल किया है. जिन पर भी बेंचो द्वारा गर्मियों की छुट्टियों में विचार किया जा सकता है.

अटार्नी जनरल ने जताई आपत्ति

अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने छुट्टियों के दौरान तीन संविधान पीठों के गठन पर आपत्ति जताई और कहा कि यह पूरी छुट्टियों का समय ले लेगा.

एजी की चिंता का जवाब देते हुए सीजेआई खेहर ने कहा, ‘अगर आप कहते हैं कि आप छुट्टियों के दौरान इसे नहीं करना चाहते हैं तो हमें जिम्मेदार मत ठहराइए. पिछली बार मैं पूरी छुट्टिों भर फैसले लिखता रहा.’